कन्हैया कुमार से इतनी दूरी क्यों रखते हैं तेजस्वी यादव?, विपक्षी एकता सम्मेलन से पहले उठाया ये कदम

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कन्हैया कुमार की वजह से ही इस कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी, आयोजन के लिये तेजस्वी को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित करने वाले आयोजकों ने काफी देर तक इंतजार किया।

New Delhi, Jun 01 : बिहार की राजधानी पटना में 12 जून को होने वाली विपक्षी एकता सम्मेलन से पहले बुधवार को राजद नेता तथा बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कुम्हार समाज समन्वय समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से दूर रहे, जिसकी वजह कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार को माना जा रहा है, जिन्हें आयोजकों ने इस कार्यक्रम में आयोजित किया था।

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कन्हैया की वजह से ही दूरी
सूत्रों का दावा है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कन्हैया कुमार की वजह से ही इस कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी, आयोजन के लिये तेजस्वी को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित करने वाले आयोजकों ने काफी देर तक इंतजार किया, Kanhaiya Kumar राजद नेता का ऑफिस में बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, राज्य मंत्री अशोक चौधरी तथा मोहम्मद इस्त्राइल मंसूरी ने कन्हैया के साथ दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।

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कन्हैया ने क्या कहा
कार्यक्रम के दौरान जब कन्हैया कुमार से पूछा गया कि तेजस्वी यादव प्रोग्राम में क्यों नहीं आये, तो उन्होने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, उन्होने कहा कि कार्यक्रम के अध्यक्ष कुछ कह रहे हैं, कृपया उनके भाषम का सम्मान करें, मैं लोगों को देखना चाहता हूं कि जो यहां आये हैं, मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि मुझे उन्हें देखने के लिये कुछ जगह दें। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा हो सकता है कि आयोजकों ने निमंत्रण भेजा हो, लेकिन उन्होने इसकी पुष्टि नहीं की हो, डिप्टी सीएम कह रहे थे कि उन्हें बहुत काम पूरा करना है।

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कन्हैया के साथ मंच साझा नहीं
हालांकि सूत्रों का दावा है कि तेजस्वी यादव कन्हैया के साथ मंच साझा करने के इच्छुक नहीं हैं, 2019 लोकसभा चुनाव में कन्हैया ने बेगूसराय सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह के खिलाफ सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ा था, तब वामपंथी नेताओं ने राजद से अनुरोध किया था, कि वो इस सीट पर कन्हैया को समर्थन दें, अपना उम्मीदवार ना उतारे, Tejashwi Yadav लेकिन राजद के वहां से उम्मीदवार उतारने की वजह से कन्हैया बड़े अंतर से हारे थे, क्योंकि महागठबंधन के वोट कन्हैया और राजद प्रत्याशी के बीच बंट गये, सूत्रों का दावा है कि लालू परिवार का मानना है कि अगर कन्हैया बिहार की राजनीति में खुद को स्थापित करते हैं, तो तेजस्वी से मुस्लिम वोट छिटक सकता है।