IIT, IAS और MBA, नौकरशाह से रेल मंत्री बने अश्विनी वैष्णव, काम के बल जीता मोदी का भरोसा
राजस्थान के जोधपुर में पैदा हुए अश्विनी वैष्णव आईआईटी कानपुर से पढे हैं, इसके बाद 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, उनका अखिल भारतीय स्तर पर 27वां स्थान रहा था।
New Delhi, Jun 05 : ओडिशा कैडर के पूर्व आईएएस अश्विनी वैष्णव कुछ साल पहले ही राजनीति में आये, वर्तमान कैबिनेट में वो रेल तथा संचार जैसे अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं, 2014 के बाद एनडीए सरकार के चौथे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नरेन्द्र मोदी का भरोसा काम के दम पर कमाया है, वैष्णव पहले अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रह चुके हैं।
आईआईटी से पढाई
राजस्थान के जोधपुर में पैदा हुए अश्विनी वैष्णव आईआईटी कानपुर से पढे हैं, इसके बाद 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, उनका अखिल भारतीय स्तर पर 27वां स्थान रहा था, इसके बाद उन्होने ओडिशा के बालासोर तथा कटक जिले के डीएम के तौर पर काम किया था, साल 1999 में आये भीषण चक्रवात के समय उन्होने बतौर नौकरशाह अपने कौशल का परिचय दिया, उनकी सूचना के आधार पर सरकार त्वरित कदम उठा सकी, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी।
अमेरिका से एमबीए
2008 में उन्होने सरकारी नौकरी छोड़ दी, अमेरिका की विश्वविद्यालय से एमबीए पढाई करने चले गये, एमबीए करने के बाद उन्होने कुछ बड़ी कंपनियों में नौकरी की, फिर गुजरात में ऑटो उपकरण की विनिर्माण इकाइयां स्थापित की। अश्विनी वैष्णव 28 जून 2019 को हुए राज्यसभा चुनाव से सिर्फ 6 दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे, इसके बाद राज्यसभा का चुनाव जीत कर लोगों को हैरान कर दिया था।
रेल मंत्रालय
2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद सबसे पहले सदानंद गौड़ा रेल मंत्री बने, उनके कार्यकाल में एक दुर्घटना हुई, जिसमें गोरखधा एक्सप्रेस खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई, इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई, 9 नवंबर 2014 को सुरेश प्रभु एनडीए सरकार के दूसरे रेल मंत्री बने, प्रभु के कार्यकाल में 3 बड़े रेल हादसे हुए। सितंबर 2017 में सुरेश प्रभु के स्थान पर पीयूष गोयल रेल मंत्री बनाये गये, वो 2021 तक रेल मंत्री रहे, उनके कार्यकाल में कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, इसके बाद जुलाई 2021 से रेल मंत्रालय की कमान अश्विनी वैष्णव के पास है।