टीम इंडिया को पिछले 10 साल से इस खास पल का इंतजार, अगले 5 दिन बदल देंगे इतिहास
टीम इंडिया ने पिछला आईसीसी खिताब 2013 में इंग्लैंड में चैपियंस ट्रॉफी के रुप में जीता था, इसके बाद भारतीय टीम को 3 बार फाइनल में हार का सामना करना पडा, जबकि 4 बार टीम सेमीफाइनल में हारी।
New Delhi, Jun 06 : टीम इंडिया बुधवार 7 जून से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच खेलने उतरेगी, तो सबकी नजरें आईसीसी ट्रॉफी के एक दशक के सूखे को खत्म करने पर होगी, डब्लयूटीसी के पिछले दो चक्र में भारत सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाली टीम रहा है, वहीं पिछले 10 साल में सफेद गेंद के लगभग सभी बड़े टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में जगह बनाने में सफल रहा, लेकिन इसके बावजूद खिताब नहीं जीत पाया।
10 साल से इस खास पल का इंतजार
टीम इंडिया ने पिछला आईसीसी खिताब 2013 में इंग्लैंड में चैपियंस ट्रॉफी के रुप में जीता था, इसके बाद भारतीय टीम को 3 बार फाइनल में हार का सामना करना पडा, जबकि 4 बार टीम सेमीफाइनल में हारी, टीम 2021 टी-20 विश्वकप के शुरुआती दौर से ही बाहर हो गई थी, मौजूदा चक्र की 6 सीरीज में से टीम इंडिया ने एकमात्र सीरीज दक्षिण अफ्रीका में गंवाई, जिसके बाद विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ दी, और रोहित टीम के कप्तान बने, भारतीय टीम स्वदेश में अजेय रही, इंग्लैंड में कड़ी सीरीज ड्रॉ कराई, बांग्लादेश में मुश्किल में घिरने के बावजूद जीत हासिल की।
राहुल द्रविड़ का फाइनल से पहले बयान
द ओवल में नतीजा कुछ भी हो, लेकिन मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का टीम के प्रति नजरिया नहीं बदलेगा, राहुल ने फाइनल से पहले कहा आप इसे दो साल के काम के अंत के रुप में देखते हैं, ये काफी सफलता हासिल करने की प्रक्रिया का अंत है, जो आपको यहां लेकर आया है, ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतना, यहां ड्रा कराना, पिछले 5 या 6 साल में ये टीम जहां भी खेली, वहां बेहद प्रतिस्पर्धी रही, मुझे लगता है कि ये चीजें कभी नहीं बदलेगी, फिर आप आईसीसी खिताब जीतो या नहीं।
पिछले फाइनल में मिली थी हार
टीम इंडिया ने 2 साल पहले साउथम्पटन न्यूजीलैंड के खिलाफ परिस्थितियों को नजरअंदाज करते हुए 2 स्पिनरों को खिलाया था, लेकिन ये फैसला उल्टा पड़ गया था, द ओवल 143 साल के अपने इतिहास में पहली बार जून में टेस्ट मैच की मेजबानी कर रहा है, टीन इंडिया अश्विन और जडेजा की जोड़ी को मैच खिलाने के लिये उत्सुक होगा, लेकिन इंग्लैंड में गर्मियों की शुरुआत है, तरोताजा पिचों पर चौथा तेज गेंदबाज बेहतर विकल्प हो सकता है, तेज गेंदबाजी विभाग में मोहम्मद शमी और सिराज का खेलना तय है, तीसरे विकल्प के रुप में अनुभवी उमेश यादव और शार्दुल ठाकुर को मौका दिया जा सकता है।