लखनऊ या लक्ष्मणपुर, क्या है इसके पीछे की कहानी, श्रीराम ने भाई को दी थी भेंट

लखनऊ शहर का संबंध त्रेता युग से है, उस युग में ये शहर कौशल राज्य का हिस्सा था, इसे भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने बसाया था।

New Delhi, Jun 07 : लखनऊ को नवाबों का शहर कहा जाता है, वहीं इससे पहले के इतिहास तथा पौराणिक कथाओं पर नजर डालें, तो इसके नाम तथा अस्तित्व से जुड़ी कुछ अलग कहानियां भी सामने आती है, बार-बार इस विषय पर मांग उठती रही है कि लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुर या लखनपुर कर दिया जाए, आइये जानते हैं कि लखनऊ का नाम बदलने की मांग के पीछे इस शहर की क्या कहानी है, या धर्म शास्त्रों में इस शहर को लेकर क्या पौराणिक कथाएं या किवदंतियां हैं।

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प्रभु श्रीराम के भाई लक्ष्मण ने बसाया था ये शहर
पौराणिक मान्यता है कि लखनऊ शहर का संबंध त्रेता युग से है, उस युग में ये शहर कौशल राज्य का हिस्सा था, इसे भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने बसाया था, Ram navmi पौराणिक कथाओं के मुताबिक राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को गोमती नदी के किनारे का ये क्षेत्र भेंट में दिया था, जिसके बाद लक्ष्मण ने ये गोमती के तट पर शहर बसाया था, इसलिये इसे लक्ष्मणनगरी कहा गया।

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अयोध्या से दूरी
इस बात को सच मानने के पीछे लोगों का ये तर्क है कि लखनऊ से अयोध्या की दूरी सिर्फ 80 मील है, जिससे इस शहर के कौशल राज्य का हिस्सा होने की पूरी संभावना है, चूंकि उत्तर भारत में लक्ष्मण को लखन भी कहा जाता है, इसलिये ग्यारहवीं सदी में इस शहर को लक्ष्मणपुर तथा लखनपुर कहा जाता था, इस शहर में लक्ष्मणटीला भी है।

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फिर कैसे पड़ा लखनऊ नाम
लखनऊ के इतिहास पर नजर डालें, तो 12वीं सदी के आखिर में कन्नौज पर अफगानों की विजय के बाद इसे गजनी के सुल्तान को सौंप दिया Ram laxman गया था, जिसके बाद ये दिल्ली सल्तनत का हिस्सा बन गया, ये शहर मुगलों के अधीन आ गया, फिर नवाबों का शहर लखनऊ कहा जाने लगा।

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