कप्तान बनाने के सपने दिखाकर टीम इंडिया से ही बाहर कर दिया, वीरेन्द्र सहवाग का नया खुलासा
सहवाग ने कहा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने आते ही सबसे पहले ये बात कही कि वीरेन्द्र सहवाग टीम इंडिया के कप्तान बनेंगे, 2 महीने बाद ऐसा हुआ कि कप्तानी तो भूल जाइये, मुझे टीम इंडिया से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
New Delhi, Jun 20 : टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल को लेकर नया सनसनीखेज खुलासा किया है, वीरु का ये खुलासा हर किसी को हैरान करके रख देगा, सहवाग ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर आरोप लगाते हुए कहाकि वो टीम इंडिया में अपने पसंद के खिलाड़ियों को तरजीह देते थे, काफी पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते थे, सहवाग ने ग्रेग चैपल पर ये आरोप भी लगाया कि उन्होने कप्तानी के सपने दिखाकर उन्हें टीम इंडिया से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया।
कप्तान बनने के सपने दिखाकर टीम से बाहर कर दिया
वीरेन्द्र सहवाग ने स्पोर्ट्स नेक्स्ट को दिये इंटरव्यू में कहा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने आते ही सबसे पहले ये बात कही कि वीरेन्द्र सहवाग टीम इंडिया के कप्तान बनेंगे, 2 महीने बाद ऐसा हुआ कि कप्तानी तो भूल जाइये, मुझे टीम इंडिया से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, भारतीय कोच हो या फिर विदेशी कोच सभी के अपने-अपने फेवरेट खिलाड़ी होते थे, कुछ खिलाड़ियों को ये लगता था कि विदेशी कोच आएगा, तो वो पक्षपात नहीं करेगा, लेकिन ऐसा नहीं था, विदेशी कोचों के भी अपने पसंदीदा खिलाड़ी होते हैं, विदेशी कोच भी नाम देखते हैं, फिर चाहें तेंदुलकर हों, गांगुली हों, या लक्ष्मण हों, ग्रेग चैपल की अगर बात करें, तो उनके कोचिंग का कार्यकाल काफी विवादों में रहा था, सौरव गांगुली के साथ उनके काफी विवाद की खबरें सामने आई थी।
विस्फोटक बल्लेबाज
आपको बता दें कि वीरेन्द्र सहवाग ने 104 टेस्ट मैचों में 49.34 के औसत से 8586 रन बनाये हैं, जिसमें 23 शतक तथा 32 अर्धशतक शामिल रहे हैं, उनका बेस्ट स्कोर 319 रन रहा, सहवाग ने 251 वनडे मैचों में 8273 रन बनाये, जिसमें 15 शतक तथा 38 अर्धशतक शामिल है, इस प्रारुप में वीरु का बेस्ट स्कोर 219 है। इसके अलावा 19 टी-20 मैचों में उन्होने 394 रन बनाये, जिसमें 68 उनका सर्वाधिक स्कोर रहा।
गेंदबाजों की पिटाई
वीरेन्द्र सहवाग को दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों की पिटाई करके उनकी लाइन तथा लेंथ बिगाड़ने की आदत थी, भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक से एक धुरंधर बल्लेबाज आये, लेकिन वीरु पहली गेंद से ही विपक्षी गेंदबाज पर हमला करते थे, उनका गेंदबाजों में एक अलग ही खौफ था।