किसान ने गाय के दूध से पैसे कमाकर बनवाया 1 करोड़ का बंगला, दिलचस्प है सक्सेस स्टोरी
प्रकाश ने 4 एकड़ पुश्तैनी जमीन से अपने काम की शुरुआत की थी, हालांकि जो जमीन उन्हें विरासत में मिली थी, वो सूखी थी, उस पर खेती करना असंभव था, इसलिये उन्होने खेती छोड़ दी, 1998 में गाय का दूध तथा गोबर बेचने का व्यवसाय शुरु किया।
New Delhi, Jun 26 : महाराष्ट्र के सोलापुर के एक किसान ने गाय का दूध बेचकर कमाये पैसों से 1 करोड़ रुपये का बंगला बनवाया है, प्रकाश इम्दे की सफलता की कहानी एक गाय से शुरु हुई, जो अब 150 से ज्यादा गायों के साथ एक डेयरी फॉर्म चलाते हैं, आइये आज हम आपको इनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में बताते हैं।
सफलता हासिल की
प्रकाश इम्दे जिन्हें स्थानीय लोग प्यार से बापू कहते हैं, वो अपने दिन के काम की शुरुआत पहली गाय लक्ष्मी की तस्वीर की पूजा करके करते हैं, उन्होने अपना बंगला बनवाया है, जिसका नाम गोधन निवास रखा है। उनकी सफलता की इलाके में खूब चर्चा है।
1998 में बेचना शुरु किया दूध तथा गोबर
प्रकाश ने 4 एकड़ पुश्तैनी जमीन से अपने काम की शुरुआत की थी, हालांकि जो जमीन उन्हें विरासत में मिली थी, वो सूखी थी, उस पर खेती करना असंभव था, इसलिये उन्होने खेती छोड़ दी, 1998 में गाय का दूध तथा गोबर बेचने का व्यवसाय शुरु किया, शुरुआत में वो अपने गांव के लोगों को दूध बेचते थे।
1000 लीटर रोजाना दूध का उत्पादन
सिर्फ 1 गाय से शुरुआत करते अब उनका डेयरी फॉर्म 150 गायों का हो चुका है, वर्तमान में रोजाना 1000 लीटर दूध का उत्पादन करते हैं, प्रकाश का पूरा परिवार इस बिजनेस में उनका साथ देता है, गायों का दूध निकालने से लेकर उन्हें खाना खिलाने तथा उनका रख-रखाव करने में परिवार के लोग मदद करते हैं। प्रकाश ने अपनी गाय का एक बछड़ा भी कभी नहीं बेचा, 2006 में लक्ष्मी की मौत के बाद उनहोने इसकी वंशावली को बढाना जारी रखा, मवेशियों की उसी वंशावली से फार्म चलाते हैं।
रोजगार के अवसर
गायों को रोजाना 4 से 5 टन हरे चारे की जरुरत होती है, प्रकाश खेत में जितना संभव हो सके उतना चारा उगाते हैं, इसके अलावा बाहरी स्त्रोतों से खरीदते हैं, उनका व्यवसाय गांव के लोगों के लिये रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है, दूसरे राज्यों से भी लोग प्रकाश इम्दे के फॉर्म को देखने तथा सीखने के लिये सांगोला आते हैं। प्रकाश की सालों की मेहनत अब 1 करोड़ रुपये के बंगले में तब्दील हो गई है, बंगले के ऊपर एक गाय तथा दूध मथनी की मूर्ति लगी है, जो सभी को याद दिलाती है कि इमारत कैसे बनी है।