न्यूज नेटवर्क के मालिक, पत्नी के पास 400 ग्राम सोना, जानिये कितनी संपत्ति के मालिक हैं चंद्रशेखर

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में दाखिल चुनावी हलफनामे के मुताबिक चंद्रशेखर आजाद उनकी पत्नी तथा परिवार के नाम कुल 44 लाख रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति है।

New Delhi, Jul 03 : दलित नेता तथा आजाद समाज पार्टी- कांशीराम के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर बुधवार को जानलेवा हमला हुआ, पुलिस के अनुसार यूपी के सहारनपुर जिले में उनकी एसयूवी कार पर कुछ हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाई, गोली चंद्रशेखर को छूकर निकल गई, हमला उस समय हुआ, जब वो देवबंद में अपने एक समर्थक के घर जा रहे थे, घटना के समय चंद्रशेखर तथा उनके छोटे भाई समेत कुल 5 लोग कार में सवार थे, हमले के बाद चंद्रशेखर को देवबंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है, इस घटना के बाद चंद्रशेखर आजाद फिर से चर्चा में हैं।

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कितनी संपत्ति के मालिक
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में दाखिल चुनावी हलफनामे के मुताबिक चंद्रशेखर आजाद उनकी पत्नी तथा परिवार के नाम कुल 44 लाख रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति है, चल संपत्ति 26.14 लाख तो अचल संपत्ति 17 लाख रुपये की है। चंद्रशेखर मूलरुप से सहारनपुर जिले के छुटमलपुर के पास स्थित घड़कौली के मूल निवासी हैं, शपथ पत्र के मुताबिक एसबीआई के छुटमलपुर ब्रांच में उनका बैंक खाता है, जिसमें तब 26,369 रुपये थे, पत्नी वंदना कुमारी के खाते में 84,307 रुपये थे, वंदना के पास पीएनबी में भी एक अकाउंट है, जिसमें 3 लाख 18 हजार 617 रुपये जमा थे।

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मीडिया कंपनी
ज्वेलरी की बात करें, तो चंद्रशेखर के पास 40 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत तब 1.96 लाख रुपये थी, पत्नी के पास करीब 400 ग्राम गोल्ड ज्वेलरी है, जिसकी कीमत 19.60 लाख रुपये बताई गई थी, इसके अलावा चंद्रशेखर एक कंपनी भी चलाती है, जिसका नाम सीए न्यूज नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड है, चंद्रशेखर और उनकी पत्नी को एक बेटा है, जिसका नाम उन्होने युग रखा है।

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कौन हैं चंद्रशेखर आजाद
भीम आर्मी का नेतृत्व करने के अलावा चंद्रशेखर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के भी प्रमुख हैं, उन्होने 2020 में पार्टी बनाई थी, 2017 में दलितों के मुद्दों को मुखरता से उठाने की वजह से चर्चा में आये थे, हालांकि चुनाव में उनकी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन चंद्रशेखर ने तेजी से लोकप्रियता हासिल कर ली, मुख्य रुप से उनकी व्यक्तिगत अपील के कारण तथा भीम आर्मी द्वारा यूपी तथा आस-पास के राज्यों में दलित मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की वजह से वो चर्चा में रहे हैं। चंद्रशेखर की लोकप्रियता बढने के बावजूद उन्हें अब तक कोई बड़ा राजनीतिक लाभ नहीं हुआ है, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उन्होने कहा था कि वो वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अंततः उन्होने सपा-बसपा गठबंधन को समर्थन दे दिया, 2020 में अपनी पार्टी की स्थापना की। 2022 यूपी विधानसभा चुनावों से पहले वो गठबंधन के लिये सपा के साथ बातचीत कर रहे थे, लेकिन अंततः ये कहते हुए पीछे हट गये, कि सपा ने दलितों का अपमान किया है, उन्होने गोरखपुर से सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन 4000 के करीब वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे, तथा अपनी जमानत भी गंवा दी।