चैटलीक के बहाने भारत पर खीझ उतार रहे थे इमरान, अर्णब गोस्वामी ने जवाब देकर कर दी बोलती बंद
”इमरान खान ने बालाकोट को मानने से इनकार करने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में स्वीकार करना पड़ा। बालाकोट कोई ‘फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन नहीं था, यह पाकिस्तानी आतंकवाद को सीधा और जरूरी जवाब था।”
New Delhi, Jan 19: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अर्णब गोस्वामीके व्हाट्सऐप चैटलीक मामले का सहारा लेकर भारत के खिलाफ बयानबाजी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । लेकिन इमरान की ये चाल कामयाब होती इससे पहले ही रिपब्लिक टीवी के संपादक ने उन्हें करारा जवाब दिया है । अर्णब गोस्वामी ने इमरान खान को घेरने के साथ ही खुद पर लगे आरोपों पर भी सफाई दी है । आरोप है कि गोस्वामी को बालाकोट एयर स्ट्राइक की जानकारी पहले से ही थी।
इमरान खान ने क्या कहा
दरअसल अर्णब गोस्वामी और टीवी रेटिंग एजेंसी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुए कथित व्हाट्सएप्प चैट सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे, जिसमें अर्णब को पहले से ही बालाकोट एयरस्ट्राइक के बारे में पता होने की बात सामने आई थी । इसे लेकर इमरान खान ने भारत पर खीझ उतारते हुए कई ट्वीट किए । इमरान ने मोदी सरकार को भी निशाने पर लिया । 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने एक भाषण का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बालाकोट का इस्तेमाल अपने घरेलू चुनावी फायदे के लिए किया।
अर्णब ने दिया करारा जवाब
इमरान खान के इन ट्वीट्स पर अर्णब ने उन्हें करारा जवाब दिया है, गोस्वामी ने इमरान को एक आतंकवादी देश में आईएसआई की कठपुतली बताया । कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की इच्छा आधिकारिक रूप से स्पष्ट थी। किसी भी भारतीय राष्ट्रवादी के मन में कोई शंका नहीं थी कि हम जवाब देंगे। जैसा कि हमने किया भी। गोस्वामी के चैनल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है – ”इमरान खान ने बालाकोट को मानने से इनकार करने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में स्वीकार करना पड़ा। बालाकोट कोई ‘फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन नहीं था, यह पाकिस्तानी आतंकवाद को सीधा और जरूरी जवाब था।”
उठ रहे सवालों को बताया अवसरवाद
अर्णब गोस्वामी ने यह भी कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद हर भारतीय बदला चाहता था, इसलिए अब कुछ भारतीय मीडिया हाउसेज की ओर से रिपब्लिक की उम्मीद पर सवाल उठाना अवसरवाद है। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया चैनल्स रिपब्लिक के विरोध में आईएसआई और इमरान खान की ताकत बढ़ाने वाले बन गए हैं। उन्होंने रिपब्लिक के खिलाफ पाकिस्तान पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय पुलिस के दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई के समर्थन में आ गए हैं तो कहने के लिए कुछ बच नहीं जाता है।