गांधी-नेहरु परिवार की वजह से ही चल रहा है देश, शिवसेना बोली सरकार क्यों नहीं रोक रही सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र की सत्ताधारी शिवसेना ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है, शिवसेना ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में जहां पड़ोस के छोटे देश भारत को मदद की पेशकश कर रहे हैं।
New Delhi, May 09 : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच केन्द्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है, कई विपक्षी दलों ने केन्द्र से सेंट्रल विस्टा परियोजनाओं को रद्द करने की मांग की है, इतना ही नहीं इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई है, लेकिन सरकार ने अब तक ऐसा नहीं किया है, और नये संसद तथा एक नये आवासीय परिसर का निर्माण बहुत तेजी से हो रहा है।
शिवसेना का निशाना
इसे लेकर महाराष्ट्र की सत्ताधारी शिवसेना ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है, शिवसेना ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में जहां पड़ोस के छोटे देश भारत को मदद की पेशकश कर रहे हैं, वहीं मोदी सरकार कई करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम को रोकने के लिये भी तैयार नहीं है, शिवसेना ने ये भी कहा कि पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह समेत पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा पिछले 70 साल में बनाई गई व्यवस्था ने देश को ऐसे कठिन समय से पार पाने में मदद की है, जैसे समय का सामना आज वो कर रहा है।
दुनिया को खतरा
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है, यूनिसेफ ने डर जाहिर किया है कि भारत में जिस गति से कोरोना संक्रमण फैल रहा है, उससे दुनिया को वायरस से खतरा है, इसने ये भी अपील की है, कि अधिकतर देशों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद करनी चाहिये, बांग्लादेश ने रेमडेसिविर की 10 शीशियां भेजी है, जबकि भूटान ने चिकित्सीय ऑक्सीजन, नेपाल, म्यांमार और श्रीलंका ने भी आत्मनिर्भर भारत की मदद की पेशकश की है।
नेहरु-गांधी द्वारा बनाई गई व्यवस्था के सहारे
सामना में कहा गया है कि साफतौर पर भारत नेहरु-गांधी द्वारा बनाई गई व्यवस्था के सहारे है, कई गरीब देश भारत को मदद की पेशकश कर रहे हैं, इससे पहले पाकिस्तान, रवांडा और कान्गो जैसे देश दूसरों से मदद लेते थे, लेकिन आज के शासकों की गलत नीतियों की वजह से भारत इस स्थिति से गुजर रहा है। शिवसेना ने कहा कि जहां गरीब देश अपने-अपने तरीके से भारत की मदद कर रहे हैं, वहीं पीएम मोदी 20 हजार करोड़ रुपये की महात्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने के लिये तैयार नहीं है।