दोस्त के प्यार का दुश्मन बन गये थे खुद लव मैरिज करने वाले पप्पू यादव, 32 साल पहले वाला पूरा केस जानिये

पप्पू यादव की जिंदगी काफी रोचक रही है, पूर्व सांसद ने भले ही रंजीत रंजन से प्रेम विवाह किया हो, लेकिन एक कहानी ऐसी भी है, जिसमें वो प्यार के दुश्मन बन गये थे।

New Delhi, May 13 : बिहार में इन दिनों गरीबों के मसीहा, रॉबिनहुड जैसे नाम से जाने जा रहे पूर्व सांसद पप्पू यादव अपनी गिरफ्तारी के बाद चर्चा में हैं, कोरोना काल में लोगों की सेवा करने के बाद एंबुलेंस प्रकरण के कारण सुर्खियों में आये पप्पू यादव फिलहाल सुपौल जेल में बंद हैं, उनकी रिहाई को लेकर सड़क से सोशल मीडिया तक मुहिम चल रही है, ऐसे में उनसे जुड़ी कई कहानियां भी सामने आ रही हैं।

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प्यार के दुश्मन
पप्पू यादव की जिंदगी काफी रोचक रही है, पूर्व सांसद ने भले ही रंजीत रंजन से प्रेम विवाह किया हो, लेकिन एक कहानी ऐसी भी है, जिसमें वो प्यार के दुश्मन बन गये थे, ये बात बहुत कम लोगों को पता होगी, इस बात का खुलासा 32 साल पुराने केस की कहानी से हुआ, जिस मामले में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है, मामला 1989 का है, जब पप्पू यादव पूर्णिया में पढाई करते थे, मुरलीगंज में उनके कई साथी थे, जो अकसर वहां आते-जाते रहते थे, उनका दोस्त एक लड़की से प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था, पप्पू इस शादी के खिलाफ थे, इसी मामले में उनका उनके साथियों से विवाद हो गया।

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दोस्तों की जुबानी अपहरण की कहानी
घटना की शुरुआत केपी कॉलेज के मैदान से हुई, इसी मैदान पर पप्पू और उनके दोस्तों में प्रेम विवाह को लेकर बहस हुई थी, केस के सूचक शैलेन्द्र यादव जो अभी ग्वालपाड़ा थाना क्षेत्र के बीरगांव चतरा पंचायत के सरपंच भी हैं, ने बताया कि कॉलेज में बहस के एक दो दिन बाद हम लोग मुरलीगंज के मीडिल चौक पर पान खा रहे थे, इसी दौरान पप्पू अपने साथियों के साथ आये थे, हमारे दो साथियों को उठाकर अपने साथ ले गये, पहले तो हमारी समझ में नहीं आया, लेकिन बाद में पुलिस में शिकायत कर दी, 2 दिनों बाद दोनों साथी सकुशल वापस आ गये।

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1 साल बाद ही बन गये विधायक
कुछ दिनों के बाद पप्पू यादव अन्य मामले में गिरफ्तार भी हुए, फिर बेल पर बाहर भी निकले, इधर उस दोस्त की भी शादी उसकी प्रेमिका से हो गई, सबकुछ सामान्य हो गया, पप्पू भी राजनीति में एक्टिव हो गये, एक साल बाद ही 1990 में सिंहेश्वर से पहली बार निर्दलीय विधायक बने, इस तरह से पप्पू का राजनीतिक करियर आगे बढता चला गया, इस प्रेम विवाह प्रकरण ने हम सभी दोस्तों को दो गुटों में बांट दिया था, शैलेन्द्र बताते हैं कि मामला तो कब का खत्म हो चुका है, हम सब दो-दो बार कोर्ट में पिटीशन भी दे चुके हैं, इस कांड के अन्य आरोपी भी बरी हो गये, लेकिन अचानक इस मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी समझ से परे है, ये जरुर राजनीतिक साजिश है।