चित्रकूट जेल में अंशुल के पास कैसे पहुंची पिस्टल और गोलियां, अब सामने आया मुख्तार कनेक्शन

पूरे मामले की जांच के लिये एक कमेटी बना दी गई है, फायरिंग में मारे गये मुकीम काला और मेराजुद्दीन शातिर अपराधी थे, उन पर गोली चलाने वाला अंशुल दीक्षित भी नामी अपराधी था।

New Delhi, May 14 : यूपी की चित्रकूट जिला जेल रगौली में कुख्यात अपराधी मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला को गोली मारने के लिये तीसरे कैदी अंशुल दीक्षित के पास पिस्टल कहां से आई, ये जेल की सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है, इस मामले में जिला तथा मंडल के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं, चित्रकूट धाम मंडल के आईजी के सत्यनारायण और पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने बताया कि अपराधी अंशुल के पास पिस्टल और गोलियां कैसे पहुंची इसकी जानकारी की जा रही है।

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कमेटी गठित
पूरे मामले की जांच के लिये एक कमेटी बना दी गई है, फायरिंग में मारे गये मुकीम काला और मेराजुद्दीन शातिर अपराधी थे, उन पर गोली चलाने वाला अंशुल दीक्षित भी नामी अपराधी था, गोली चलने की सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंच गई थी, पिस्टल लेकर 5 बंदियों को अपने घेरे में रखकर धमकी दे रहे अंशुल को आत्मसमर्पण के लिये कहा गया, लेकिन वो नहीं माना, और पुलिस टीम पर भी फायरिंग कर दी।

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पुलिस की जवाबी फायरिंग
जिसके बाद पुलिस की ओर से भी ताबड़तोड़ गोलियां चली, जिसमें अंशुल की मौके पर ही मौत हो गई, इस हत्याकांड में मारे गये अपराधी मेराजुद्दीन का बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी से भी नजदीकी संबंध है, पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की है, मेराजुद्दीन को मार्च 2021 में वाराणसी जेल से चित्रकूट जेल भेजा गया था।

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कब लाया गया था चित्रकूट
मुकीम को 7 मई 2021 को चित्रकूट जेल लाया गया था, जबकि इससे पहले अंशुल दीक्षित को दिसंबर 2019 में ही चित्रकूट जेल में रखा गया था, mukim (1) इस सनसनीखेज वारदात से बागपत जिले में 9 जुलाई 2018 को पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या के मामले की याद दिला दी है, तब भी जेल के भीतर ताबड़तोड़ गोलियां चली थीं।