Inside Story- ऊपर से शांत लेकिन अंदर से सुलग रही है राजस्थान की सियासत, पायलट कर सकते हैं बड़ा खेल
इस्तीफा देने के बाद पायलट खेमे के गुडामालानी विधायक हेमराज चौधरी के तेवर नरम है, वहीं दूसरी ओर हाईकमान भी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा है।
New Delhi, May 29 : राजस्थान कांग्रेस की सियासत इन दिनों भले ऊपर से शांत नजर आ रही हो, लेकिन अंदर ही अंदर उबाल मार रही है, गहलोत और पायलट खेमे में खींचतान जारी है, इस उबाल को देखते हुए ये आशंका जताई जा रही है कि किसी भी दिन कोई बड़ा राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो सकता है, पायलट खेमे के लिये ये ज्यादा चिंता की बात है, पिछले दिनों उल्टे पड़े कुछ दांव इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अभी पायलट खेमे के लिये समय कुछ अच्छा नहीं चल रहा है।
तेवर नरम
इस्तीफा देने के बाद पायलट खेमे के गुडामालानी विधायक हेमराज चौधरी के तेवर नरम है, वहीं दूसरी ओर हाईकमान भी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा है, विराट नगर विधायक इन्द्राज गुर्जर को सीएम गहलोत की तारीफ पर निशाने पर लिया गया और 24 घंटे में ही उन्हें बैकफुट पर आना पड़ा, कैबिनेट विस्तार तथा राजनीतिक नियुक्तियों में हो रही देरी की वजह से पायलट खेमा गुस्से में तो है, लेकिन सरकार को दबाव में लाने के लिये तुरुप का इक्का कौन सा दांव हो सकता है, ये फिलहाल समझ नहीं आ रहा है।
24 घंटे में ही बैकफुट पर आये इंद्राज गुर्जर
पायलट खेमे के विधायक इंद्राज गुर्जर ने पहले विकास कार्यों के लिये मुख्यमंत्री गहलोत की खूब तारीफें की, फिर जब ये मामला उछला तो 24 घंटे के भीतर ही उन्हें बैकफुट पर आकर सोशल मीडिया के जरिये स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा, गुर्जर ने सचिन पालयट जिंदाबाद, कांग्रेस जिंदाबाद के नारे के साथ पायलट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई, लेकिन अब चर्चाएं इस बात को लेकर है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि इंद्राज गुर्जर को सोशल मीडिया के जरिये सचिन पायलट के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहरानी पड़ी, कांग्रेस विधायक होने के नाते कांग्रेस के सीएम की तारीफ करने में कुछ भी गलत नहीं था, ऐसा माना जा रहा है कि मीडिया में गहलोत की तारीफ की खबरें आने के बाद उन पर ऐसा दबाव बनाया गया, जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर उन्हें पोस्ट करना पड़ा।
मामला पड़ा ठंडा
विधायक हेमराज चौधरी के इस्तीफे का मामला भी ठंडा पड़ता जा रहा है, अभी तक ना तो उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है और ना ही आलाकमान द्वारा उन्हें मनाने की कोई खास कोशिश की गई है, विधानसभा सचिवालय ने उन्हें लॉकडाउन खत्म होने के बाद 7 दिन में व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होने को कहा है, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि प्रदेश के नेता उनसे बात कर मामले को सुलझाएंगे, यानी पार्टी हाईकमान इस मामले को लेकर ज्यादा दिलचस्पी और गंभीरता नहीं दिखा रहा है, उधर दिन गुजरने के साथ-साथ हेमराज चौधरी के तेवर भी नरम पड़ते जा रहे हैं।