2 साल पहले जिस पर लगाया था बलात्कार का आरोप उसी युवक से 18 साल की बालिग होने पर की शादी
यूपी के अलीगढ़ में एक लड़की ने बालिग होने पर घर वालों से बगावत कर शादी रचा ली । इस शादी की इलाके में चर्चा हो रही है ।
New Delhi, Jul 28: जिस युवक पर दो साल पहले अपहरण और बलात्कार के संगीन मामले दर्ज कराए थे, उसी युवकी से युवती ने शादी रचा ली है । युवक, इस मामले में 5 महीने जेल की सजा काटकर भी आया है । हैरान करने वाला ये मामला, असल में युवती के परिजनों के विरोध का नतीजा है । जहां, दो साल पहले उसके प्रेम को दरकिनार कर उसके प्रेमी को सलाखों के पीछे भेजने की ये साजिश लड़की के परिवार ने रची । युवक को झूठ केस में अंदर करवा दिया गया ।
बालिग होने पर लड़की ने उठाया कदम
लेकिन लड़की ने भी 2 साल तक इंतजार किया, गुस्सा भीतर दबाए रखा । अब जब वो बालिग हो गई तो सबसे पहले प्रेमी के खिलाफ चल रहा केस बंद करवाया वहीं घर से बगावत कर उससे शादी भी रचा ली । युवती ने बताया है कि उसे अपने परिवार से जान का खतरा है । लड़की ने मुख्यमंत्री, एसएसपी, और महिला आयोग से सुरक्षा की गुहार लगाई है । घटना थाना सासनी गेट के जयगंज इलाके की है ।
कोचिंग में मुलाकात, हुआ प्यार
तीन साल पहले पंचनगरी की रहने वाली खुशी पाठक नाम की इस युवती को को कोचिंग में पढ़ने वाले वरुण से प्यार हो गया । दोनों एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करने लगे । लेकिन नाबालिग बेटी का या रिश्ता खुशी के घर वालों को रास नहीं आया । खुशी और वरुण इसके बाद घर से भाग निकले, लेकिन नाबालिग खुशी के पिता प्रेमचंद्र ने थाना सासनी गेट में वरुण के खिलाफ बेटी के अपहरण व दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया । पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया, खुशी को परिवार के हवाले कर दिया तो वहीं को केस में जेल जाना पड़ा ।
पिता ने दी थी धमकी
खुशी नाबालिग थी, वो इस मामले में कुछ नहीं कह सकी । वहीं पिता ने भी बेटी को वरुण से संबंध रखने पर आत्महत्या की धमकी देकर डरा दिया । घरवालों के विरोध के चलते खुशी दो साल तक चुप रही । वहीं, वरुन को पांच महीने जेल में काटने के बाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई । 31 मार्च 2021 को खुशी भी 18 साल की हो गई और खुद के लिए फैसले लेने के लिए स्वतंत्र भी । उसने सबसे पहले अदालत को अपने प्यार की कहानी सुनाई, जिसके चलते वरुण से केस हटा लिया गया । इसके बाद मंदिर में शादी रचाई । इस शादी में वरुण का पूरा परिवार शामिल हुआ, लेकिन खुशी के माता-पिता नहीं आए ।