बेटे को पढाने के लिये पिता चलाते थे रिक्शा, अब बेटे ने पेश की मिसाल, IES बने
तनवीर ने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल से पूरी की है, स्नातक साल 2016 में अनंतनाग के गवर्मेंट कॉलेज से की, इसके बाद उन्होने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र के क्षेत्र में पीजी भी किया।
New Delhi, Aug 06 : जम्मू-कश्मीर के रहने वाले तनवीर अहमद खान के पिता रिक्शा चलाते हैं, वो एक किसान भी हैं, लेकिन बेटे तनवीर ने उनका नाम रोशन कर दिया, क्योंकि तनवीर को इंडियन इकोनोमिक्स सर्विस में दूसरा स्थान मिला है, आपको बता दें कि भारतीय आर्थिक सेवा की परीक्षा भी यूपीएससी द्वारा ली जाती है।
करना पड़ा बहुत संघर्ष
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक तनवीर ने कहा, मेरी यात्रा बड़ी मुश्किल रही है, हर कहानी के पीछे एक संघर्ष होता है, मुझे यहां तक पहुंचने के लिये काफी संघर्ष करना पड़ा है, क्योंकि हमारा परिवार आर्थिक रुप से काफी कमजोर था, ये मेरी सकारात्मक सोच थी, इस गरीबी को दूर करने के लिये मैं लगातार पढाई की ओर ध्यान लगाये हुए थे, संघर्ष कर रहा था।
पिता चलाते थे रिक्शा
तनवीर के पिता कुलगाम जिले के एक दूरदराज गांव के रहने वाले हैं, उनके गांव का नाम नागीनपूरा कुंडा है, वो सीजन के दौरान पंजाब जाते हैं, सर्दियों में वो अमृतसर जाकर रिक्शा चलाने का काम करते हैं, ताकि बच्चों की पढाई के लिये कुछ रकम जोड़ी जा सके।
सरकारी स्कूल से पढाई
तनवीर ने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल से पूरी की है, स्नातक साल 2016 में अनंतनाग के गवर्मेंट कॉलेज से की, इसके बाद उन्होने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र के क्षेत्र में पीजी भी किया। कोलकाता में उन्होने हाल ही में डेवलपमेंट स्टडी में एम फील की डिग्री पूरी की। तनवीर ने बताया मैंने काफी मेहनत की, मेरे परिवार ने इसमें मेरा साथ दिया, टीचर्स और मेरे साथ रिश्तेदारों के सपोर्ट की वजह से मैं यहां तक पहुंचा, उन्हें पढाई के दौरान ही जूनियर रिसर्च फेलोशिप मिलने लगी थी, जिससे उनकी काफी आर्थिक मदद हुई, उनके पिता का कहना है कि बेटे की मेहनत के कारण ही वो परीक्षा पास कर पाया है, इससे पूरा परिवार खुश है।