पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के असर से बीजेपी चिंतित, सीएम योगी कर सकते हैं बड़ा ऐलान
यूपी विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिये बीजेपी तथा योगी सरकार के स्तर पर फीडबैक लेने के साथ-साथ कई स्तर पर सर्वे कराये जा रहे हैं।
New Delhi, Sep 16 : दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन की वजह से बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व काफी चिंतित है, क्योंकि यही माहौल रहा, तो आने वाले विधानसभा चुनावों में काफी नुकसान हो सकता है, यूपी के पश्चिमी क्षेत्र में इस आंदोलन का असर देखा जा रहा है, ऐसे में बीजेपी नेतृत्व हर कोशिश कर रहा है, जिससे किसान आंदोलन की धार को कुंद किया जा सके।
कई स्तर पर सर्वे
यूपी विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिये बीजेपी तथा योगी सरकार के स्तर पर फीडबैक लेने के साथ-साथ कई स्तर पर सर्वे कराये जा रहे हैं, बीजेपी के एक कद्दावर नेता ने कहा कि पश्चिमी यूपी में किसानों की समस्या दूसरी है, पश्चिमी यूपी खासकर मेरठ और मुजफ्फरनगर बेल्ड में गन्ना किसानों की बड़ी संख्या है, इन गन्ना किसानों में भी एक जाति विशेष का वर्चस्व है, इसलिये अगर सटीक रणनीति अपनाकर इन गन्ना किसानों को साध लिया जाए, तो योगी सरकार काफी हद तक अपना सियासी नुकसान कम कर सकती है।
इन 3 मुद्दों पर साधने की कोशिश
रिपोर्ट के अनुसार पिछले 3-4 सालों में गन्ने पर सरकार ने रेट नहीं बढाया है, जिसकी वजह से खासी नाराजगी देखी जा सकती है, इसके अलावा बिजले के महंगे रेट और आवारा पशुओं की समस्या भी इस क्षेत्र में काफी विकराल है, बीजेपी नेता के अनुसार अगर सरकार इन तीन प्रमुख समस्याओं का समाधान कर दे, तो किसानों और समाज विशेष की बीजेपी सरकार से दूरी को पश्चिम यूपी में पाटा जा सकता है, यूपी के गन्ना किसानों की मांग है कि पंजाब के बराबर उनको भी समर्थन मूल्य मिलना चाहिये, अभी यूपी में 325 रुपये प्रति क्विंतल का रेट है, जबकि पंजाब में 360 रुपये और हरियाणा में 362 रुपये का रेट है, ऐसे में योगी सरकार के लिये इतना रेट करना एक चुनौती भी है, क्योंकि इससे राज्य सरकार पर काफी बोझ बढ जाएगा।
गन्ना का समर्थन मूल्य बढाया जा सकता है
रणनीति के तहत बीजेपी किसान मोर्चा लगातार सक्रिय है, इसी कड़ी में किसान मोर्चा 18 सितंबर को एक बड़ा किसान सम्मेलन लखनऊ में आयोजित करेगा, जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से करीब 20 हजार किसान जुटेंगे। एक न्यूज चैनल के अनुसार इसी किसान सम्मेलन में सीएम योगी गन्ना के समर्थन मूल्य को बढाने का ऐलान कर सकते हैं, इसके साथ ही बाकी समस्याओं के समाधान का भी आश्वासन दिया जाएगा, अगर बीजेपी की ये योजना सफल हो जाती है, और किसान संतुष्ट हो जाते हैं, तो पश्चिमी यूपी में विपक्षी दलों का पासा पलट सकता है।