यूपी : क्या बिना भ्रष्ट अधिकारियों के किसी भी सरकार का काम नहीं चलता ?
यूपी : कुछ भ्रष्ट आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जो बीएसपी और सपा की नाक के बाल थे और अब भाजपा के भी बनते जा रहे हैं।
New Delhi, Feb 26 : भ्रष्टाचार पर ‘ज़ीरो टॉलरेन्स’ के नतीजे के रूप में वो इस सरकार को भी भा गया, सिफ़ारिश की ‘मुकेश अम्बानी’ जैसे वफ़ादार /‘ईमानदार’ उद्योगपति ने, यूपी के नए ‘औद्योगिक विकास आयुक्त’ मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार, यदि ऐसा हुआ तो अखिलेश सरकार की तरह इस सरकार को भी ऐसे ही मैनेजर/दाग़ी अफ़सर ही ले डूबेंगे। लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की जाँच भी नहीं हुई। चुनाव पूर्व का वादा भी खोखला निकला।
क्या बिना भ्रष्ट अधिकारियों के किसी भी सरकार का काम नहीं चलता ? मैं समझता था कि ये सरकार कुछ अलग होगी लेकिन ये हो न सका। कुछ भ्रष्ट आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जो बीएसपी और सपा की नाक के बाल थे और अब भाजपा के भी बनते जा रहे हैं।
अब देखो शुरू हुआ ‘निवेश’ के नाम पर बड़े औद्योगिक घरानों की जेबें भरने का खेल, अम्बानी, अड़ानी की होगी चाँदी। भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेलने का मंच तैयार है और भी ‘फ़ैनफ़ेयर’ के साथ। उदाहरण के रूप में ‘ऐंटी-डम्पिंग’ क़ानून की आड़ में ‘सौर-ऊर्जा’ से जुड़े छोटे-छोटे मैन्युफ़ैक्चर्स की दुकानें बंद कर अड़ानी व अम्बानी जैसे बड़े ‘वफ़ादार’ प्लेअर्स/खिलाड़ियों के लिए फ़ील्ड तैयार किया जा रहा है।
घरेलू उपयोग के लिए सौर ऊर्जा के ये कैसा प्रोत्साहन – ज़ीरो से बढ़ कर ५% हुआ जीएसटी और अनुदान समाप्त, अड़ानी-अम्बानी का क़ब्ज़ा जो कराना है इस क्षेत्र में। कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि यह सब लिखने के बाद मेरे घर पर गुंडों का एक और कोई अटैक हो !