35 साल से गुफा में रह रही थी 58 वर्षीय महिला, ना बिजली ना पानी अब दिवाली लाई उजाला

21वीं सदी में बिना बिजली बिना पानी के एक गुफा में रहने की कल्‍पना भी आप नहीं कर सकते । लेकिन हिमाचल की 58 वर्षीय महिला ऐसा पिछले 3 दशकों से करती आ रही है ।

New Delhi, Nov 06: हम आज उस सदी में रहते हैं जहां बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं हर किसी को चाहिए । शहरों में तो इसके बिना जीवन की कल्‍पना भी मुश्किल है । लेकिन इस मॉर्डन समय में भी अगर आपको ये पता चले कि कोई महिला गुफाओं में अपना जीवन व्‍यतीत कर रही है, तो सुनकर झटका ही लगेगा । जी हां, हिमाचल प्रदेश के आनी की रहने वाली एक 58 वर्षीय महिला पिछले  35 साल से अकेली एक गुफा में जीवन बसर कर रही है। जहां लोग जाने से भी डरते हैं वहां ये रह रही हैं ।

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बंगाल के युवक से की थी शादी
दरअसल ये मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के आनी खंड का है । जहां की पलेही पंचायत के तांदी गांव के साथ कुटल नामक जगह पर बिंदरू देवी एक गुफा में रह रही हैं । 58 वर्षीय महिला के पास न तो कोई भूमि है और न ही कोई सरकारी सुविधा। वह यहां अकेली रहती हैं, और जंगली जानवरों के खौफ में जीवन जीने को मजबूर हैं । कई साल पहले बिंदरू देवी ने बंगाल के युवक के साथ शादी की थी । इस महिला की दो बेटियां भी हैं, जिनका विवाह हो चुका है।वो भी यहां मां का हाल चाल जानने को आती रहती हैं ।

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5 साल पहले पति का निधन
बिंदरू देवी के पति का करीब पांच साल पहले निधन हो चुका है । ऐसे में वो अब यहां अकेले रह रही है । जीवन यापन के लिए पूर्व बिंदरू देवी ने एक गाय भी पाल रखी है। उनकी बेटियां कभी कभी अपनी माता का ख्याल रखने के लिए पहुंच जाती हैं। उनके दो भाई और दो बहनें भी हैं। लेकिन जानकारी के अभाव के चलते पिता के नाम की डेढ़ बीघा जमीन भी अभी तक उसके नाम नहीं हो पाई। इस गुफा में न तो बिजली है और न ही कोई अन्य सुविधा।

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दिवाली पर ली सुध, अब मिलेगा मकान
अब जब बिंदरू देवी की जानकारी मीडिया में आई तो दिवाली तब उनके घर भी उजाला पहुंचाने की तैयारी हुई । दिवाली के दिन जिला परिषद सदस्य पंकज परमार ने अपने घर में लगी सोलर लाइट गुफा के आंगन में लगाकर गुफा को रोशन किया। उन्‍होंने कहा कि वह बिंदरू देवी के सभी कागजात तैयार करवाएंगे, जिसकी उसे जरूरत है। वहीं, पलेही पंचायत की प्रधान सुषमा मेहता ने भी कहा कि बिंदरू देवी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए सर्वे में डाला जा चुका है। जैसे ही स्वीकृति मिलते ही मकान बनाकर देंगी।