घर से निकाली गई, जहर पीकर जान देने की कोशिश, पद्मश्री विजेता ट्रांसजेंडर जोगती ने सुनाई अपनी कहानी

जोगती ने कहा कि घर से निकाले जाने के बाद उनके सामने सबसे बड़ी समस्या जीवित रहने की थी, जिसके लिये वो सड़कों पर भीख मांगने लगी।

New Delhi, Nov 12 : देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित मंजम्मा जोगती की खूब चर्चा हो रही है, पद्मश्री पाने के बाद जोगती ने अपने जीवन के उन पड़ाव के बारे में बताया है जो शायद कम ही लोगों को पता है, जोगती जब 15 साल की थी, तभी उनके परिवार ने उन्हें ट्रांसजेंडर होने के कारण घर से निकाल दिया था, परिजनों ने जोगती को दोबारा कभी घर नहीं आने दिया, क्योंकि शायद वो उनके बीच फिट नहीं बैठती थी।

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भीख मांगने लगी
इंडिया टुडे को दिये इंटरव्यू में जोगती ने कहा कि घर से निकाले जाने के बाद उनके सामने सबसे बड़ी समस्या जीवित रहने की थी, जिसके लिये वो सड़कों पर भीख मांगने लगी, इस दौरान उन्हें बार-बार यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, उन्होने तो एक बार जहर पीकर सुसाइड करने की भी कोशिश की। जोगती बताती हैं कि जहर पीने के बाद भी वो बच गई, लेकिन उनके 20 भाई-बहनों समेत उनके परिवार का कोई भी सदस्य उन्हें देखने अस्पताल नहीं आया, जहां उन्हें भर्ती किया गया था, मंगलवार को उसी जोगती को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया, ये पुरस्कार कला में उनके योगदान के लिये दिया गया है, सामने आये एक वीडियो में जोगती राष्ट्रपति को अनोखे तरीके से शुभकामनाएं देती देखी जा सकती है।

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कैसे बदला जोगती का जीवन
अपने इंटरव्यू में जोगती ने बताया कि उन्होने जिंदा रहने के लिये एक लोक नृत्य सीखना शुरु किया, धीरे-धीरे वो इस नृत्य में निपुण हो गई, कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने उन्हें कला प्रदर्शन के लिये एक सरकारी निकाय कर्नाटक जनपद एकेडमी का अध्यक्ष नियुक्त किया, जोगती उस एकेडमी का नेतृत्व करने वाली पहली ट्रांसजेंडर है, जोगती ने आगे कहा कि वो अपने पुरस्कार के माध्यम से सरकार को ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों को पहचानने तथा उन्हें नौकरी और शिक्षा हासिल करने के लिये प्रोत्साहित करना चाहती हैं।

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ट्रांसजेंडर बच्चों को लेकर ये अपील
जोगती ने कहा कि परिवार को मेरे जैसे बच्चों को स्वीकार करना चाहिये, उन्हें अनदेखा ना करें, फिर एक कोने में ना रखें, वहां राष्ट्रपति को शुभकामनाएं देने को लेकर जब जोगती से पूछा गया तो उन्होने कहा कि मैंने उनसे कहा कि वो दिनों से इस समारोह का आयोजन कर रहे हैं, मैं उन बुरी नजरों को हटा दूंगा, जो शायद डाली गई हो, जिसके जवाब में उन्होने धन्यवाद कहा।