RPN के कांग्रेस छोड़ते ही बढ गई स्वामी प्रसाद मौर्य की टेंशन, बीजेपी का बड़ा प्लान!

सूत्रों की मानें, तो बीजेपी कांग्रेस छोड़कर आने वाले आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से उतारने की तैयारी में है।

New Delhi, Jan 25 : यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, मनमोहन सरकार में मंत्री रह चुके कद्दावर नेता आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है, कहा जा रहा है कि आज ही वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने तथा बीजेपी में शामिल होने से सबसे ज्यादा मुश्किल स्वामी प्रसाद मौर्य की बढने वाली है, माना जा रहा है कि बीजेपी आरपीएन सिंह को पडरौना सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है, इसी सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य भी चुनाव लड़ते हैं।

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बीजेपी का प्लान
सूत्रों की मानें, तो बीजेपी कांग्रेस छोड़कर आने वाले आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से उतारने की तैयारी में है, ऐसे में मौर्य की मुश्किलें बढ सकती है, क्योंकि स्वामी भी इसी सीट से विधायक हैं, दरअसल 2009 लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह ने बसपा से चुनाव लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य को हराया था, ऐसे में आरपीएन सिंह की पडरौना के साथ-साथ कुशीनगर में मजबूत पकड़ माना जाता है, अब कहा जा रहा है कि पडरौना से आरपीएन के चुनाव लड़ने की संभावना को देखते हुए स्वामी अपने लिये सेफ सीट की तलाश कर रहे हैं।

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स्टार प्रचारक
आरपीएन सिंह ने ऐसे समय में कांग्रेस से इस्तीफा दिया है, जब एक दिन पहले ही कांग्रेस ने यूपी चुनाव के लिये स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी, जिसमें आरपीएन सिंह का भी नाम शामिल था, आरपीएन कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं, वो कांग्रेस की राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं, पार्टी ने उन्हें झारखंड का प्रदेश प्रभारी भी बनाया था, हालांकि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के साथ उनकी खटखट की खबरों की वजह से उन्हें साइडलाइन कर दिया गया, सियासी जानकारी कांग्रेस से आरपीएन के मोहभंग की यही वजह बता रहे हैं।

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राजघराने से ताल्लुक
विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं, कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शीर्ष नेतृत्व की उपेक्षा के चलते लगातार इस्तीफा दे रहे हैं, आरपीएन सिंह बीते कई दशकों से पूर्वांचल की राजनीति में बड़ा चेहरा रहे हैं, कुशीनगर-पडरौना राजघराने से ताल्लुक रखते हैं, इलाके में उनके परिवार की मजबूत पकड़ मानी जाती है, वो तीन बार पडरौना से विधायक रहे हैं, 2009 में कुशीनगर से लोकसभा सांसद रहे, तथा मनमोहन सरकार में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम के साथ गृह राज्य मंत्री भी रहे हैं।