रक्षाबंधन में 200 साल बाद दुर्लभ संयोग, इस खास घड़ी में ही बांधें भाई को राखी

ज्योतिषी के अनुसार इस साल रक्षाबंधन पर शंख, हंस और सत्कीर्ति नाम के राजयोग भी बन रहे हैं, जिसके चलते रक्षाबंधन के त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ जाता है।

New Delhi, Aug 11 : रक्षा बंधन का त्योहार इस साल कुछ जगहों पर 11 अगस्त तो कुछ जगहों पर 12 अगस्त को मनाया जाएगा, धर्म शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है, उनके मंगलमयी जीवन की कामना करती हैं, बदले में भाई रक्षा का वचन तथा कोई उपहार देते हैं, ज्योतिषी के मुताबिक रक्षाबंधन पर 200 साल बाद एक बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है।

Advertisement

200 साल बाद ग्रहों को दुर्लभ संयोग
ज्योतिषी का कहना है कि रक्षाबंधन पर इस साल ग्रहों की एक विशेष स्थिति बन रही है, दरअसल इस बार गुरुदेव बृहस्पति तथा ग्रहों के सेनापति शनि वक्री अवस्था में अपनी-अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे, raksha bandhan (3) ग्रहों का ऐसा संयोग करीब 200 साल बाद बन रहा है, जब भी किसी ग्रह की चाल उल्टी होती है, तो धर्म शास्त्रों में इसे वक्री कहा जाता है।

Advertisement

राजयोग भी बन रहे
ज्योतिषी के अनुसार इस साल रक्षाबंधन पर शंख, हंस और सत्कीर्ति नाम के राजयोग भी बन रहे हैं, जिसके चलते रक्षाबंधन के त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ जाता है, रक्षाबंधन के दिन अभिजीत मुहूर्त, विजय मुहूर्त, तथा अमृत काल, प्रदोष काल जैसी शुभ घड़ियां भी होगी, इन्हें ध्यान में रखते हुए आप भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं, कुछ लोग तो 12 अगस्त को राखी का त्योहार मनाने के बारे में सोच रहे हैं, ऐसे लोग 12 अगस्त को सुबह 7.06 मिनट तक ही राखी का त्योहार मना सकते हैं, इसके बाद पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी।

Advertisement

कितने घंटे का शुभ मूहूर्त
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से 12.53 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 2.39 बजे से 3.32 तक
अमृत काल- शाम 6.55 बजे से 8.20 बजे तक