होने वाली है योगी आदित्यनाथ की अग्निपरीक्षा और अमित शाह की प्लानिंग का लिटमस टेस्ट
पिछले करीब छह महीने से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अग्निपरीक्षा होने वाली है। जिसमें उन्हें अपना दम दिखाना होगा।
New Delhi Sep 10 :गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ पिछले करीब 6 महीने से यूपी की बागडोर संभाल रहे हैं। योगी आदित्यनाथ के सामने एक चुनौती है अपने दबदबे को कायम रखने की। उनकी अग्निपरीक्षा होने वाली है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भी लिटमस टेस्ट होगा। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा में उपचुनाव होने हैं। इन दोनों ही सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है। लेकिन, मुख्यमंत्री बनने के कारण योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा देना पड़ा। वहीं दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी फूलपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा देना पड़ा। अब योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के सामने इन दोनों ही सीटों को बचाए रखने की चुनौती है।
जहां एक ओर योगी आदित्यनाथ और बीजेपी ने इन दोनों ही सीटों पर अपना परचम फहराने के लिए गोट फिट कर दी है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने भी अपनी घेराबंदी तेज कर दी है। अब इन दोनों ही सीटों पर ये देखना बेहद दिलचस्प होगा कि भारतीय जनता पार्टी यहां पर कैसे अपनी जीत को बरकरार रख पाती है। योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्र सिंह देव तीनों ही नेता निर्विरोध एमएलसी चुने जा चुके हैं। ऐसे में चुनाव आयोग कभी भी गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी इन सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था। बीजेपी के उम्मीदवारों ने यहां पर बंपर वोटों से जीत हासिल की थी। उस वक्त मोदी की आंधी भी थी और बीजेपी का माहौल भी।
लेकिन, अब जब भी फूलपुर और गोरखपुर में उपचुनाव होंगे तो देखना होगा कि क्या इस बार योगी आदित्यनाथ की आंधी काम आएगी। क्या मोदी का जलवा चलेगा। क्या भारतीय जनता पार्टी अपना दबदबा इन दोनों ही सीटों पर कायम रख पाएगी। दोनों ही सीटें बीजेपी के लिए कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण हैं। गोरखपुर लोकसभा सी को भारतीय जनता पार्टी की परंपरागत सीट माना जाता है। जबकि फूलपुर सीट की गिनती कांग्रेस की परंपरागत सीटों में रही थी। लेकिन, 2014 में केशव प्रसाद मोर्य ने यहां से जीत हासिल कर कांग्रेस और दूसरे दलों के इस गुरुर को ध्वस्त कर दिया था और सियासी इतिहास बदल दिया था। लेकिन, सियासत का चक्र एक बार फिर घूम चुका है। बीजेपी नहीं चाहेगी कि जिस सीट पर उसका पहली बार खाता खुला है वो उसके हाथ से निकले। जबकि कांग्रेस और दूसरे दल फूलपुर की सीट को बीजेपी से हथियाने की पूरी कोशिश करेगी।
गोरखपुर लोकसभा सीट से योगी आदित्यनाथ की व्यक्तिगत छवि जुड़ी हुई है। वो इस सीट से पांच बार लगातार सांसद चुने जा चुके हैं। 1989 में हिंदु महासभा के टिकट पर इस सीट से महंत अवैद्यनाथ ने जो जीत का सिलसिला शुरु किया था। वो आज तक किसी ना किसी रुप में उनके लिए जारी है। महंत अवैद्यनाथ यहां से चार बार चुनाव जीते। इसके बाद उनके चेले योगी आदित्यनाथ यहां से चुनाव जीतते रहे हैं। इस सीट पर बिना योगी आदित्यनाथ के किसी और बीजेपी उम्मीदवार की जीत उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। जबकि फूलपुर की सीट पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीएसपी तीनों की निगाहें हैं। 2009 में यहां से बीएसपी जीती थी। 1996 और 2004 में यहां से सपा चुनाव जीती थी। मुकाबले इस बार भी दिलचस्प होंगे।