3 प्रदेशों की हार में भी छुपी है मोदी- योगी के लिये ‘गुड न्यूज’

अब 2019 की दावेदारी पर भी ग्रहण लगने जैसा दिख रहा है, हालांकि बीजेपी के इस हार में भी पीएम मोदी और सीएम योगी के लिये गुड न्यूज छिपी हुई है।

New Delhi, Dec 14 : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा झटका बीजेपी को लगा है, तीन अहम प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी आत्मचिंतन कर रही है, आम चुनावों से कुछ महीने पहले लगे इस झटके ने बीजेपी को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है, अब 2019 की दावेदारी पर भी ग्रहण लगने जैसा दिख रहा है, हालांकि बीजेपी के इस हार में भी पीएम मोदी और सीएम योगी के लिये गुड न्यूज छिपी हुई है।

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मोदी पहले से ज्यादा जरुरी
बीजेपी के तीनों चर्चित सीएम शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह और वसुंधरा राजे की हार हुई है, 2014 से पहले ये तीनों नेता चुनावों में पार्टी को लीडरशिप देने लायक समझे जाते थे, अब इनकी हार के बाद बीजेपी में अकेले मोदी ऐसे नेता बचे हैं, जिनके आस-पास भी कोई नहीं दिखता। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनौती मिलने के बाद 2019 में दोनों के बीच अच्छी टक्कर हो सकती है, हालांकि राजनीतिक समीक्षक अभी भी मोदी को काफी आगे मानते हैं।

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यूपी का महत्व बढा
बीजेपी जिन तीन प्रदेशों की सत्ता गंवाई है, वहां लोकसभा की 65 सीटें हैं, 2014 चुनाव में बीजेपी ने 62 सीटें हासिल की थी, अगर विधानसभा चुनावों के परिणाम को संसदीयों सीटों के हिसाब से देखें, तो बीजेपी 2019 में 31 सीटें हार सकती है, ऐसे में यूपी का महत्व और भी बढ गई है, क्योंकि यहां 80 लोकसभा की सीटें है, पिछली बार बीजेपी ने 71 सीटें हासिल की थी, यूपी के साथ-साथ सीएम योगी का भी महत्व बीजेपी के लिये बढ गई है, क्योंकि वो लोकसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

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राम मंदिर आंदोलन तेज होगा
2019 की लड़ाई जीतने के लिये बीजेपी का यूपी जीतना अनिवार्य शर्त बन गया है, अगर योगी सरकार के विकास का रिकॉर्ड कुछ खास नहीं दिखा, तो नजरें राम मंदिर की ओर उठेंगी, उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में राम मंदिर आंदोलन और तीखा होगा, संसद में इस मसले पर प्राइवेट बिल भी लाया जा सकता है, अखिलेश और मायावती के साथ कुछ क्षेत्रीय दलों के आने से यूपी की लड़ाई दो ध्रुवीय हो जाएगी, ऐसे में राम मंदिर पर बीजेपी की नजर होगी, ताकि हिंदू जातियों के वोट बंटवारे को रोका जा सके। जब मंदिर मुद्दे की बात होगी, तो इसके लिये सीएम योगी आदित्यनाथ से बेहतर चेहरा और कौन हो सकता है ?

नये दोस्तों की तलाश
2019 के लिये बीजेपी को नये दोस्तों की तलाश करनी होगी, क्योंकि अगर सत्ता से बीजेपी कुछ दूर रह जाती है, तो नये दोस्त उन्हें वहां तक पहुंचा सकते हैं, केसीआर और नवीन पटनायक काफी अहम साबित हो सकते हैं, शायद इसी वजह से शाह-मोदी की जोड़ी नीतीश कुमार को लेकर भी इतना उदार है, अभी हाल ही में अमित शाह ने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इस फैसले पर कई लोग हैरान थे, क्योंकि इसे नीतीश कुमार की बड़ी जीत मानी जा रही है।