सुरक्षा में चूक ! आखिर आतंकियों ने कैस भेद दिया BSF का चक्रव्यूह ?
मंगलवार की सुबह श्रीनगर में BSF के कैंप पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर सुरक्षा में चूक कहां हुई।
New Delhi Oct 03 : मंगलवार की सुबह करीब साढ़े चार बजे श्रीनगर में एयरपोर्ट के पास गोगो हुमहमा पर बना BSF का कैंप आतंकी हमले से थर्रा उठा था। तीन आतंकी BSF कैंप में दाखिल हो चुके थे। हालांकि तीनों आतंकी अब मारे जा चुके हैं। इस एनकाउंटर में BSF के एक एएसआई भी शहीद हो गए हैं। लेकिन, इस आतंकी हमले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर आतंकी इतनी कड़ी सुरक्षा के बाद भी बीएसएफ के कैंप में दाखिल होने में कामयाब कैसे हो गए ? उन्होंने कैसे सेना के चक्रव्यूह को भेदा ? ये इलाका बेहद संवेदनशील है। इसलिए सवाल और भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर कैसे आतंकियों ने कैंप के भीतर तक अपनी पहुंच बनाई और उन्हें घुसते वक्त कोई देख क्यों नहीं पाया।
BSF के कैंप में फोर लेयर सिक्योरिटी थी। फिर भी आतंकी ना सिर्फ कैंप के भीतर दाखिल हुए बल्कि एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक तक पहुंच गए। चार स्तरीय सुरक्षा को आखिर आतंकियों ने कैसे भेद डाला। देश के गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर खुद मानते हैं कि ये आतंकी हमला सुरक्षा में बड़ी चूके है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आतंकियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। बात कीमत चुकाने या अदा करने की नहीं है। ये कोई पहला वाकया नहीं है आतंकियों ने किसी सैन्य ठिकाने को अपना निशाना बनाया हो। इससे पहले भी कश्मीर में कई जगहों पर सैन्य ठिकानों पर आतंकी हमले हो चुके हैं। जरूरत पहले के हमलों से सबक लेने की है। अर्ध सैनिक बलों और सेना को देखना होगा कि सुरक्षा में खामी कहां रह गई।
ऐसा नहीं है कि आतंकी हर बार सैन्य ठिकाने पर हमले में कामयाब ही हुए हैं। कई बार उनकी साजिश को नाकाम भी किया गया है। कई बार आतंकियों ने कई जगहों पर सैन्य ठिकानों में घुसने की कोशिश की। लेकिन, उससे पहले ही उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। मंगलवार को भी BSF के कैंप पर ऐसा ही कुछ हो सकता था। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। आतंकी कैंप के भीतर दाखिल हो गए। हालांकि शुक्र की बात ये रही है कि वक्त रहते ही उन्हें काबू में कर लिया गया और मार गिराया गया। नहीं तो आतंकी यहां पर बड़ा नुकसान कर सकते थे। फिर भी BSF के एक एएसआई को अपनी जान गंवानी पड़ी। वो इस हमले में शहीद हो गए। हमले के वक्त गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी नजर बनाए हुए थे।
राजनाथ सिंह इस हमले के बाद हाईलेवल मीटिंग बुला चुके हैं। लेकिन, जरुरत इस बात की है कि एक बार फिर से कश्मीर में सुरक्षा की समीक्षा की जानी चाहिए। BSF के 182 वीं बटालियन के जिस कैंप पर ये आतंकी हमला हुआ वो श्रीनगर एयरपोर्ट के ठीक बाहर है। इसी बटालियन पर एयरपोर्ट पर बने रनवे की सुरक्षा का भी जिम्मा है। कैंप के पास ही पुराना श्रीनगर वायु क्षेत्र भी है। जिसका इस्तेमाल इंडियन आर्मी करती है। इन सारी बातों को देखकर आप समझ सकते हैं कि आतंकी पठानकोठ जैसे हमले की फिराक में थे। लेकिन, उन्हें पहले ही मार गिराया गया। ऐसा हरगिज नहीं है कि BSF के जवान यहां पर बेपरवाह थे। लेकिन, फिर भी ये देखना होगा कि आखिर आतंकी कैंप के भीतर दाखिल कैसे हुए। चूक में सुधार की जरुरत है।