चुनावी मौसम में अब क्या करेंगे बीजेपी के ये चार बागी, एक का बेटा मोदी सरकार में है मंत्री
बॉलीवुड के ये लोकप्रिय नायक पटना साहिब सीट से सांसद हैं, 2014 में मंत्री पद ना मिलने के बाद से शॉटगन ने सरकार और पार्टी आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
New Delhi, Feb 06 : लोकसभा चुनाव से पहले सबकी नजरें बीजेपी के चार बागी नेताओं यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, कीर्ति आजाद और शत्रुघ्न सिन्हा पर टिकी है, इन चारों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, हालांकि चारों में से किसी ने भी अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, विश्लेषकों के मुताबिक लोकसभा चुनाव करीब है, ऐसे में इन्हें एक तरफ तो जाना होगा।
यशवंत सिन्हा
बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता और अटल सरकार में वित्त मंत्रालय संभाल चुके यशवंत सिन्हा इन दिनों मोदी सरकार के सबसे बड़े आलोचक हैं, वो भी तब जब उनके बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री हैं, इसके बावजूद वो खुलकर सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं, लोकसभा चुनाव तो उनके लड़ने की चर्चा कम है, लेकिन कहा जा रहा है कि विपक्ष का कोई दल उन्हें राज्यसभा भेज सकता है, ताकि सरकार के खिलाफ बोलते रहें।
अरुण शौरी
अरुण शौरी उन शख्सियतों में शामिल हैं, जिन्होने 2010 में नरेन्द्र मोदी को बतौर पीएम उम्मीदवार प्रोजेक्ट करने की वकालत की थी, लेकिन आज वो उनके सबसे बड़े आलोचक हैं, वो पिछले कई महीनों से विपक्ष के नेताओं के साथ मंच साझा कर रहे हैं, सूत्रों का दावा है कि एक गैर कांग्रेसी क्षेत्रीय दल उनके संपर्क में है, उनके कोटे से वो राज्यसभा जा सकते हैं।
कीर्ति आजाद
बीजेपी से सस्पेंड सांसद कीर्ति आजाद ने अब तक अपनी दिशा तय नहीं की है, सूत्रों का दावा है कि वो पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस के संपर्क में हैं, उनकी मुलाकात राहुल गांधी से भी हो चुकी है, कहा जा रहा है कि वो इस बार दरभंगा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, कीर्ति आजाद को मोदी से नहीं बल्कि अरुण जेटली से परेशानी है, उन्होने वित्त मंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाये थे।
शत्रुघ्न सिन्हा
बॉलीवुड के ये लोकप्रिय नायक पटना साहिब सीट से सांसद हैं, 2014 में मंत्री पद ना मिलने के बाद से शॉटगन ने सरकार और पार्टी आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, वो लगातर बयानबाजी कर रहे हैं, हालांकि ना तो उन्होने पार्टी छोड़ी है, और ना ही पार्टी ने उन्हें निकाला है, शॉटगन ने भले अपने पत्ते ना खोले हों, लेकिन जिस तरह से लालू परिवार से वो नजदीकियां दिखा रहे हैं, कहा जा रहा है कि राजद या कांग्रेस के टिकट पर वो पटना साहिब से फिर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।