एबीपी न्यूज का सबसे ताजा सर्वे, अगर अभी लोकसभा चुनाव हुए तो दिल्ली में बीजेपी को मिलेगी इतनी सीटें
लोकसभा चुनाव – अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होता है, तो दिल्ली की सातों सीटें बीजेपी के खाते में जाएगी।
New Delhi, Mar 06 : लोकसभा चुनाव की तारीखों का जल्द ही ऐलान होने वाला है, दावा किया जा रहा है कि इसी महीने चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर सकती है, उससे पहले एबीपी न्यूज-सी वोटर ने सर्वे के जरिये दिल्ली की जनता का मूड जानने की कोशिश की है। इस सर्वे के मुताबिक एक बार फिर से दिल्ली की जनता केन्द्र में मोदी को देखना चाहते हैं, हालांकि विधानसभा के लिये अरविंद केजरीवाल उनकी पसंद बने हुए हैं।
सातों सीटें बीजेपी के खाते में
एबीपी न्यूज के सर्वे के मुताबिक दिल्ली की सातों सीटें दुबारा बीजेपी के खाते में जाती दिख रही है, इतना ही नहीं इस सर्वे के अनुसार आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर की पार्टी बनने जा रही है, यानी कांग्रेस सीट भले ना जीत पाए, लेकिन हाशिये से थोड़ा जरुर उठेगी, राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इसी वजह से अरविंद केजरीवाल बार-बार कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिये बात कर रहे हैं, हालांकि कांग्रेस गठबंधन को तैयार नहीं है।
अगर गठबंधन नहीं हुआ तो
अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होता है, तो दिल्ली की सातों सीटें बीजेपी के खाते में जाएगी, अगर वोट प्रतिशत की बात करें, तो बीजेपी को 48, कांग्रेस को 22 और आम आदमी पार्टी को 20 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। हालांकि अगर कांग्रेस और आप साथ आई तो परिस्थिति बदल सकती है।
अगर गठबंधन हो गया तो
इस सर्वे में एक स्थिति ये भी रखी गई है कि अगर दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन हो गया तो कैसी स्थिति बनेगी, गठबंधन हो जाने के बाद बीजेपी के खाते में चार और गठबंधन के खाते में तीन सीटें जा सकती है। बताया जा रहा है कि पुलवामा हमले के बाद दिल्ली के लोगों की राय बदली है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम आदमी पार्टी को उठाना पड़ रहा है।
विधानसभा की स्थिति
हालांकि एबीपी-सी वोटर के इस सर्वे के मुताबिक अगर दिल्ली में अभी विधानसभा चुनाव हुए, तो अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से सीएम बन सकते हैं, फिलहाल आप 39 सीटें जीतेगी, जबकि बीजेपी के खाते में 26 सीटें जा सकती है, तो कांग्रेस भी 5 सीटें जीतने में सफल रहेगी। आपको बता दें कि 2015 विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया था। हालांकि दिनों-दिन उनकी लोकप्रियता का ग्राफ नीचे आ रहा है।