महागठबंधन में नीतीश कुमार की वापसी पर बोले प्रशांत किशोर, अगर राज खोला तो शर्मिंदा होंगे लालू
प्रशांत किशोर ने लिखा है, कि लालू जी द्वारा बताये गये दावे गलत हैं, ये कुछ और नहीं बल्कि एक ऐसे नेता द्वारा अपनी प्रासंगिकता बताने की कोशिश का एक घटिया प्रयास है।
New Delhi, Apr 05 : बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने दावा करते हुए कहा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन में वापसी चाहते थे, लेकिन उन्होने ही मना कर दिया, क्योंकि नीतीश कुमार पर उनका भरोसा पूरी तरह से खत्म हो चुका था, अब इस मामले में चुनावी रणनीतिकार और जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने जवाब दिया है, जिसकी वजह से बिहार का सियासी पारा चढ गया है।
पीके ने की थी मुलाकात
दरअसल राजद मुखिया पर लिखी गई किताब गोपालगंज टू रायसीना- माय पॉलिटिकल जर्नी जल्द ही लांच होने वाली हैं, इस किताब में पूर्व सीएम के हवाले से कई बड़े दावे किये गये हैं, जिसमें कहा गया है कि नीतीश ने जदयू उपाध्यक्ष और अपने विश्वासपात्र प्रशांत किशोर को अलग-अलग मौकों पर दूत बनाकर उनके पास 5 बार भेजा था, पीके ने हर बार नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष धड़े में वापसी के लिये लालू प्रसाद को राजी करने की कोशिश की, हालांकि अब पीके ने इस दावे को खारिज किया है।
प्रशांत किशोर का जवाब
पीके ने लालू यादव के इस दावे के बाद ट्वीट कर इसका जवाब दिया है, उन्होने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है, कि लालू जी द्वारा बताये गये दावे गलत हैं, ये कुछ और नहीं बल्कि एक ऐसे नेता द्वारा अपनी प्रासंगिकता बताने की कोशिश का एक घटिया प्रयास है, जिनके अच्छे दिन पीछे छूट चुके हैं।
शर्मिंदा होंगे
पीके ने आगे लिखा है कि हां, जदयू में शामिल होने से पहले मैंने उनसे कई बार मुलाकात की, लेकिन अगर मुझे ये बताने को कहा जाएस कि उसमें क्या बात हुई, किस पर चर्चा हुई, तो वो काफी शर्मिंदा होंगे। आपको बता दें कि नलिन वर्मा के साथ मिलकर लिखी गई इस किताब में कहा गया है कि पीके ये जताने की कोशिश कर रहे थे, कि अगर मैं जदयू को लिखित में समर्थन दूं, तो नीतीश दोबारा महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं। हालांकि लालू ने लिखा है कि नीतीश को लेकर मेरे मन में कोई कड़वाहट नहीं है, लेकिन मेरा उन पर से विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है।
https://twitter.com/PrashantKishor/status/1114022017898958849