ये थे राहुल गांधी की 72 हजार सालाना की योजना के मास्‍टरमाइंड, बनाई तो थी जीत की रणनीति लेकिन

72 हजार रुपए सालाना भी ऐसी ही एक योजना रही जिसे कांग्रेस मास्‍टरस्‍ट्रोक मानकर चल रही थी । लेकिन इतनी लुभावनी योजना को भी लोगों ने नकार दिया । आइए आपको बताते हैं इस योजना के पीछे किसका दिमाग था ।

New Delhi, May 24 : लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे सबके सामने हैं, विपक्ष ने कड़ी मेहनत की, बड़ी जीत के दावे भी किए, बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाई, न्‍याय की बात कही लेकिन परिणाम सबके सामने हैं । विपक्ष का हर दावा फेल हो गया, जिन सीटों पर उम्‍मीदें जगीं थी, जनता ने वहां भी बीजेपी को जिता दिया । खुद राहुल गांधी अपनी परंपरागत सीट अमेठी हार गए । राहुल गांधी ने आम आदमी का घोषणापत्र तैयार किया था, लेकिन इसमें लिखे वादे अब वादे ही रह गए । लेकिन इन योजनाओं के पीछे कौन सा दिमाग काम कर रहा था ये जानना दिलचस्‍प होगा ।

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राहुल के रणनीतिकार
2014 के बाद से ही कांग्रेस वापस सत्‍ता में आने की जुगत लगा रही थी । मोदी की उन सभीयोजनाओं को निशाना बनाया गया जिनहोने गरीबों-किसानों को फायदा पहुंचाया । राहुल गांधी भी कुछ ऐसी ही योजना लेकर आए, 72 हजार रुपए सालाना भी ऐसी ही एक योजना रही जिसे कांग्रेस मास्‍टरस्‍ट्रोक मानकर चल रही थी । लेकिन इतनी लुभावनी योजना को भी लोगों ने नकार दिया । आइए आपको बताते हैं इस योजना के पीछे किसका दिमाग था ।

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पी.चिदंबरम रहे टीम का अहम हिस्‍सा
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व वित्त मंत्री कांग्रेस के घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन थे । गरीबों को 72 हजार साल की योजना का प्रारूप चिदंबरम ने ही तैयार किया था। इस काम में उनकी मदद राजीव गौड़ा ने की । वहीं कांग्रेस के प्रचार टीम के चेयरमैन थे आनंद शर्म । पवन खेड़ा भी इस टीम में अहम भूमिका निभा रहे थे। कांग्रेस ने इस बार आकर्षक और अच्छे प्रचार मैटीरियल तैयार किए, लेकिन जनता को लुभाने में ये कोशिश भी नाकाम रही ।

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प्रवीन चक्रवर्ती ने जुटाए आंकड़े
पार्टी के लिए आंकड़े जुटाने की जिम्‍मेदारी प्रवीन चक्रवर्ती को मिली । आंकड़ों की मदद से पार्टी क्या रणनीति अपनाए इसकी जानकारी मुहैया कराई गई । इनके अलावा भी राहुल गांधी की कोर टीम में रणनीतिकार और अहम फैसलों में भूमिका निभाने वालों में अहमद पटेल, अशोक गहलोत, केसी वेणुगोपाल, गुलामनबी आाजाद, सैम पित्रोदा, रणदीप सुरजेवाला शामिल रहे। हालांकि ये सभी कांग्रेस को वो जीत ना दिला पाए जिसकी राहुल गांधी ने कल्‍पना की थी, राहुल ने हार को स्‍वीकार तो कर लिया लेकिन कांग्रेस कहां फेल हुई इसकी बारीकी से जांच पार्टी जरूर कराएगी ।