मोदी सरकार के इस कदम से 3.6 करोड़ कर्मचरियों को सीधा फायदा, एक जुलाई से होगा लागू
सरकार की ओर से जारी रिलीज के अनुसार अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को बहुत राहत मिलेगी साथ ही ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को ईएसआई योजना के अंतर्गत नामांकित कर पाना भी आसान होगा ।
New Delhi, Jun 14 : मोदी सरकार की ओर से अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही करोड़ों कर्मचरियों को बड़ा तोहफा दिया है । स्रकार ने बड़ा कदम उठाते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESI) के स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम में एम्पलायर और एम्पलाई के कुल अंशदान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का फैसला किया है । सरकार के इस कदम से 12.85 लाख नियोक्ताओं को हर साल 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी । इसके अलावा 3.6 करोड़ कर्मचारियों को फायदा भी पुहंचेगा ।
एक जुलाई से लागू होगा नियम
श्रम मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार घटी हुई दरें 1 जुलाई से प्रभावी होंगी । मंत्रालय की ओर से जारी रिलीज में कहा गया है – ‘सरकार ने ईएसआई कानून के अंतर्गत एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अंशदान की दर 6.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत (नियोक्ता का अंशदान 4.75 प्रतिशत से घटाकर 3.25 प्रतिशत और कर्मचारी का अंशदान 1.75 प्रतिशत से घटाकर 0.75 प्रतिशत) करने का फैसला किया है।’
कंपनियों को होगी 5,000 करोड़ प्रति वर्ष की बचत
सरकार के इस कदम के बाद एक्सपर्ट के अनुसार इस कमी के बाद इन कंपनियों को सालानाकम-से-कम 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी । सरकार की ओर से जारी रिलीज के अनुसार अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को बहुत राहत मिलेगी साथ ही ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को ईएसआई योजना के अंतर्गत नामांकित कर पाना भी आसान होगा । कर्मचारी राज्य बीमा कानून, 1948 के अंतर्गत बीमित व्यक्तियों को चिकित्सा, नकदी, मातृत्व, निशक्तता और आश्रित होने के लाभ मिलता है ।
21000 रुपए तक वेतन पाने वालों को लाभ
मोदी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए दिसंबर, 2016 से जून, 2017 तक नियोक्ता और कर्मचारियों के विशेष पंजीकरण का कार्यक्रम शुरू किया था और इस योजना का करवेज लाभ अलग-अलग चरणों में देश के सभी जिलों तक बढ़ाने का फैसला किया था । कवरेज में वेतन की सीमा 1.1.2017 से 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 21,000 रूपये प्रति माह कर दी गई थी । जिससे लाभ लेने वालों की संख्या भी बढ़ी और इसका फायदा ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी वर्ग उठा पाए ।