लंदन में विजय माल्या ने लिया रॉबर्ट वाड्रा का नाम, यहां सफाई दे रहे हैं ‘दामाद जी’

विजय माल्या ने सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का नाम लंदन की अदालत में लिया है, इस पर वाड्रा ने अपनी सफाई पेश की है, पढ़िए क्या कहना है वाड्रा का

New Delhi, Nov 21: चुनावी माहौल में नेता मुद्दा खोजते हैं, कई बार उनको मुद्दा अपने आप मिल जाता है। रॉबर्ट वाड्रा तो अपने आप में एक मुद्दा हैं, अगर वाड्रा का नाम भगोड़ा विजय माल्या ले तो हर किसी का चौंकना बनता है। नेताओं के तो कान खड़े हो गए होंगे ये जानकर कि माल्या ने वाड्रा का नाम लिया है। बिना कारण जाने ही हमलों का दौर शुरू हो जाना चाहिए। लेकिन इस बार वाड्रा ने पहले ही सफाई दे दी हैं। माल्या फिलहाल लंदन में हैं. वहां पर भारत ने प्रत्यर्पण के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में हुई सुनवाई के दौरान माल्या ने वाड्रा का नाम लिया। माल्या ने वाड्रा के अलावा कांग्रेस के एक और बड़े नेता का नाम लिया है।

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प्रत्यर्पण की सुनवाई के दौरान विजय माल्या ने खुद को राजनीतिक पीड़ित बताया. अपनी बात में वजन डालने के लिए माल्या ने कहा कि वो हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह और रॉबर्ट वाड्रा की तरह राजनीतिक पीड़ित हैं। माल्या के इस बयान पर हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह ने तो कोई कमेंट नहीं किया लेकिन सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा ने अपनी सफाई पेश कर दी। हालांकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन फिर भी वाड्रा ने अपनी सफाई पेश कर दी, जैसे उनको डर है कि सफाई नहीं दी वो फिर से मुद्दा बन जाएंगे। अब आपको बताते हैं कि वाड्रा ने अपनी सफाई में क्या कहा है। वो किस तरह से माल्या द्वारा खुद का नाम लिए जाने को देखते हैं।

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सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि एक बार फिर से मेरा नाम चर्चा में आया है। किसी शख्स ने अपने फायदे के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल किया है। विजय माल्या ने लंदन की अदालत में मेरा नाम लिया है। वाड्रा ने कहा कि वो माल्या को याद दिलाना चाहते हैं कि वो राजनीतिक पीड़ित तो हैं लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी पोजीशन का फायदा नहीं उठाया। वाड्रा ने कहा कि उनको देश के कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। वो कभी किसी का फैसा लेकर दूसरे देश में नहीं भागे। वाड्रा ने बात तो सही की है कि वो किसी का पैसा लेकर नहीं भागे, लेकिन अपनी पोजीशन का फायदा नहीं उठाया, ये लाइन उनको नहीं बोलनी चाहिए थी। हम उनकी बातों पर संदेह नहीं कर रहे हैं, लेकिन सियासी लोग इस तरह की बातों का बतंगड़ पल भर में बना देते हैं।

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वाड्रा पर जो भी आरोप लगे हैं वो इसी बिना पर लगे हैं कि उन्होंने सोनिया गांधी का दामाद होने का भरपूर फायदा उठाया, यानि वो ऐसी पोजीशन पर थे जहां उनको कोई मना नहीं कर सकता था। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कांग्रेस के विरोधी दल बोलते हैं। तो जब वाड्रा पर आरोप ही इस बुनियाद पर लगाए गए हैं कि उन्होंने अपनी पोजीशन का जमकर फायदा उठाया तो ऐसे में वाड्रा को अपनी सफाई में ये बात नहीं कहनी चाहिए थी। वाड्रा ने माल्या को सलाह भी दी, कहा कि उनको भारत आ कर मुकदमों का सामना करना चाहिए. बैंकों का कर्ज चुकाना चाहिए। साथ ही वाड्रा ने कहा कि माल्या उनके नाम का इस्तेमाल करना बंद करें। वो किसी भी मुद्दे पर उनके साथ अपना नाम नहीं जोड़ना चाहते हैं।