महाराष्ट्र में सरकार पर शरद पवार ‘खेल’ गए, कहा- बीजेपी से पूछो, बयान से बढ़ा सस्पेंस
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच सरकार गठन की कवायद तेज हैं । लेकिन सरकार बनाने के लिए कौन सा दल आगे है इस पर सस्पेंस बरकरार है । पूरी खबर आगे पढ़ें …
New Delhi, Nov 18: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर माथापच्ची जारी है । कांग्रेस, श्विसेना और एनसीपी क्या सरकार बनाने में कामयाब होंगे या बीजेपी की वापसी होगी ये सवाल सभी के मन में हैं । ऐसे में सबकी नजरें शरद पवार और सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद निकलने वाले परिणाम पर है । एनसीपी प्रमुख आज दिल्ल्ी में हैं और सरकार गठन को लेकर उन्होने मीडिया के सवाल पर कुद भी नहीं कहा है । हालांकि शरद पवार ने कुछ ऐसा जरूर कह दिया है जिससे सस्पेंस और गहरा गया है ।
शरद पवार आज दिल्ली में
आपको बता दें एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज दिल्ली में हैं, उनकी आज कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है । शरद पवार इस मुलाकात को महज शिष्टाचार भेंट बता रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र के हालात को देखते हुए ये मुलाकात अहम मानी जा रही है । शरद पवार ने इस मुलाकात के बारे में जानकारी तो दी लेकिन मुलाकात का समय नहीं बताया।
Sharad Pawar, Nationalist Congress Party (NCP): BJP-Shiv Sena fought together, we (NCP) and Congress fought together. They have to choose their path and we will do our politics. #Maharashtra pic.twitter.com/8RmvFVVnPw
— ANI (@ANI) November 18, 2019
सरकार गठन पर बढ़ाया सस्पेंस
शरद पवार ने एक सवाल का बड़ा ही अजीबोगरीब जवाब दिया । हां-ना से अलग जब उनसे ये पूछा गया कि क्शिवसेना के साथ सरकार बनने के क्या चांस हैं तो उन्होंने कहा – ‘बीजेपी और शिवसेना से पूछो, दोनों साथ थे।’ एनसीपी चीफ ने ये भी कहा कि शिवसेना और बीजेपी एक साथ लड़ी थीं। हम उनसे अलग लड़े थे। एनसीपी और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ी थीं। जब उनसे यह पूछा गया कि चर्चा तो यह है कि एनसीपी शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बना रही है तो उन्होंने इसके जवाब में सिर्फ ‘अच्छा’ कहकर टाल दिया।
शिवसेना-बीजेपी के बिगड़े सुर
आपको बता दें 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को जनता ने बहुमत से जिताया था, लेकिन सीएम पद को लेकर विवाद से दोनों की राहें एकदम जुदा हो गईं । यहां बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी। चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना ने बीजेपी से सीएम पद की मांग की तो बीजेपी बिफर गई और गठबंधन टूट गया । फिलहाल महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन है और शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस साथ मिलकर सरकार बनाने की जुगत में हैं ।