7 महीने में पूरे किये 3 बड़े वादे, अब ये हो सकता है मोदी सरकार का अगला निशाना
अमित शाह ने कहा कि चुनाव से पहले ही हमने जनता के सामने नागरिकता संशोधन बिल लाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे जनता ने समर्थन दिया।
New Delhi, Dec 12 : लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में जिन वादों का जिक्र किया था, उसमें से तीन बड़े वादों को उन्होने सात महीने के भीतर ही पूरा कर दिया, मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर से ऑर्टिकल 370 हटाने, नागरिकता संशोधन बिल लाने और तीन तलाक के खिलाफ सख्त कानून बनाने का वादा किया था, इन तीनों ही वादों को सरकार ने पूरा कर लिया है, अब जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी जल्द ही काम शुरु होने वाला है।
अमित शाह ने कही ये बात
बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता बिल पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इस बिल की बात कही थी, कई लोग हमारे ऊपर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन मैं इन लोगों को बताना चाहता हूं कि चुनावी घोषणा पत्र सरकार की नीतियों का उद्घोषणा होता है, जनता चुनावी घोषणा पत्र पर ही यकीन कर सरकार चुनती है।
पहले ही प्रस्ताव रखा था
अमित शाह ने कहा कि चुनाव से पहले ही हमने जनता के सामने नागरिकता संशोधन बिल लाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे जनता ने समर्थन दिया, जनादेश से बड़ा कुछ भी नहीं हो सकता, हालांकि अमित शाह के बयान पर राज्यसभा में आनंद शर्मा ने आपत्ति जताई और कहा कि किसी भी दल का घोषणा पत्र संविधान से ऊपर नहीं हो सकता, हम सभी लोगों ने संविधान की शपथ ली है, और संविधान सर्वोपरि है।
समान नागरिकता कानून का जिक्र
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किये वादों में से तीन वादे तो पूरे कर लिया हैं, अब सबकी नजरें समान नागरिकता कानून पर टिकी हुई है, दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में समान नागरिकता कानून का भी जिक्र किया था, बीजेपी ने कहा था कि जब तक देश में समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता है, तब तक लैंगिक समानता कायम नहीं हो सकती है।
जनसंख्या नियंत्रण कानून
देश की बढती जनसंख्या चिंता का विषय बनती जा रही है, बीजेपी नेताओं के साथ ही आरएसएस के नेताओं ने भी मोदी सरकार से मांग की है, कि वो चुनावी वादों को पूरा करने के साथ जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी ध्यान दें, बीजेपी नेताओं का कहना है कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस बिल पर जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है।