CAA पर माइकोसॉफ्ट सीईओ ने क्या कहा था जिस पर हो गया विवाद, अब दे रहे सफाई
सत्या नडेला के बयान के बाद बवाल मच गया, कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई, जिसके बाद उन्हें मामले में सफाई देनी पड़ी।
New Delhi, Jan 14 : नागरिकता कानून को लेकर भारत में बीते एक महीने से विरोध प्रदर्शन चल रहा है, विपक्षी दलों से लेकर दूसरे लोग भी अपनी आपत्ति जाहिर कर रहे हैं, विपक्ष इस कानून को संविधान के खिलाफ बता रहे हैं, सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनियभर में रह रहे भारतीय मूल के निवासी इस पर अपनी राय रख रहे हैं, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने सोमवार को सीएए पर अपनी राय जाहिर की है।
बयान के बाद बवाल
सत्या नडेला के बयान के बाद बवाल मच गया, कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई, जिसके बाद उन्हें मामले में सफाई देनी पड़ी, दरअसल मैनहेट्टन में माइक्रोसॉफ्ट के एक इवेंट में दुनियाभर के बड़े एडिटर्स से बात करते हुए उनसे सीएए के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होने अपनी बात रखी, बजफीड के एडिटर इन चीफ बेन स्मिथ ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बयान को जारी किया है।
सत्या नडेला से पूछा गया सवाल
सरकार के साथ जो कंपनियां डील करती है, उन पर काफी दबाव रहता है, मुझे लगता है कि भारत में नागरिकता संशोधन कानून पर जारी विरोध के बीच आपकी उस सरकार को लेकर चिंताएं बढी होंगी, कि वो डाटा का किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
नडेला का जवाब
इस पर सत्या नडेला ने जवाब देते हुए कहा कि मेरा बचपन भारत में ही बीता है, जहां मैं बड़ा हुआ, जिस माहौल में बड़ा हुआ उस पर मैं पूरी तरह से गर्व करता हूं, मुझे लगता है, कि वो एक ऐसी जगह है, जहां पर हम दिवाली क्रिसमस साथ मिलकर मनाते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि जो हो रहा है, बुरा हो रहा है, खासकर उनके लिये जो कुछ और देखकर वहां बड़ा हुआ हो, अगर सच कहूं तो दो अमेरिकी चीजें जिन्हें हमने देखा है, एक तो तकनीक और दूसरा प्रवासियों के लिये उनकी पॉलिसी, जिसकी वजह से मैं यहां तक पहुंचा हूं।
विवाद के बाद सफाई
सत्या नडेला के इस बयान पर विवाद हो गया, सोशल मीडिया पर उनका बयान तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद माइक्रोसॉफ्ट की ओर से इस मामले में सफाई जारी किया गया, जिसमें सत्या के बयान का मतलब समझाया गया है। सफाई में कहा गया है कि हर देश को अपनी सीमा, राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रवासी पॉलिसी तय करने का अधिकार है, लोकतंत्र में सरकारें और देश की जनता ऐसे मुद्दों पर बात करके फैसला लेती है, मैं भारतीय मूल्यों के आधार पर बड़ा हुआ हूं, जो एक मल्टीकल्चर भारत था, अमेरिका में भी मेरा प्रवासी अनुभव ऐसा ही रहा है, भारत के लिये मेरी आकांक्षा है कि वहां भी कोई प्रवासी आकर एक अच्छा स्टार्टअप, बड़ी कंपनी की अगुवाई करने का सपना देख सके, जिससे भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को फायदा मिले।