देश के मौजूदा माहौल को देखकर सैफ अली खान को होने लगा दुख, कहा भाईचारे से दूर…

देश के मौजूदा हालात पर सैफ ने कहा कि देश के हालातों को देखकर लगता है कि हम सेक्युलरिज्म से दूर जा रहे हैं।

New Delhi, Jan 20 : बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान की फिल्म तानाजी- द अनसंग वॉरियर बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है, इस फिल्म में उनकी एक्टिंग को खूब सराहा जा रहा है, सैफ का किरदार निगेटिव था, उनके किरदार की तुलना पद्मावत के अलाउद्दीन खिलजी के किरदार से की गई, सैफ ने हाल ही में दिये गये एक इंटरव्यू में कहा कि इस फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, इसे लेकर उन्हें अफसोस रहेगा, इसके साथ ही उन्होने देश के मौजूदा हाल और राजनीतिक मुद्दों पर भी प्रतिक्रिया दी।

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अपनी ही फिल्म के खिलाफ बोला
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान ने पत्रकार अनुपमा चोपड़ा को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि फिल्म तानाजी में जो दिखाया गया है, वो इतिहास नहीं है, इतिहास क्या है, मैं इसे जानता हूं, लेकिन अगर कोई कहे कि फिल्म में जो दिखाया गया है, वो इतिहास है तो मैं इसे नहीं मानता।

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देश के मौजूदा हालात से दुख
पिछले काफी समय से सैफ अली खान जिस सवाल से बच रहे थे, उन्होने उस सवाल पर भी अपने विचार रखे हैं, उन्होने देश के मौजूदा हालात को लेकर कहा कि फिलहाल देश में जो माहौल है, उसे देखकर दुख होता है। इसके साथ ही एक्टर ने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करना गलत है।

मुगल जनरल की भूमिका
आपको बता दें कि अजय देवगन की फिल्म तानाजी में सैफ ने मुगल जनरल उदयभान राठौड़ की भूमिका निभाई थी, सैफ ने कहा कि कुछ वजहों से मैं कोई स्टैंड नहीं लेता हूं, हो सकता है, कि अगली बार करुं, मैं रोल को लेकर काफी उत्साहित था, क्योंकि ये बेहद दिलचस्प था, लेकिन जब लोग कहते हैं कि ये इतिहास है, तो मैं नहीं मानता कि ये इतिहास है, मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि इतिहास क्या है।

सेक्युलरिज्म से दूर जा रहे
देश के मौजूदा हालात पर सैफ ने कहा कि देश के हालातों को देखकर लगता है कि हम सेक्युलरिज्म से दूर जा रहे हैं, मुझे कोई भी इसके लिये लड़ता नहीं दिखाई दे रहा है, उन्होने कहा कि एक एक्टर होने के नाते मेरे लिये कोई भी स्टैंड लेना सही नहीं है, क्योंकि इससे फिल्में बैन हो सकती है, बिजनेस पर असर पड़ सकता है, उन्होने ये भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग अपने बिजनेस और परिवार को खतरे में नहीं डालना चाहते, कोई भी राजनीतिक बयानबाजी से बचते हैं।