जिसके आगे पीछे घूमते थे सुनील शेट्टी-रणदीप हुड्डा जैसे एक्टर्स, आज वही सब्जी बेचने को मजबूर
लॉकडाउन में कितने ही लोगों का रोजगार छिन गया, इनमें से कई फिल्म इंडस्ट्री से भी हैं । एक ऐसे ही शख्स के बारे में पढ़ें, जो आज सब्जी बेचने को मजबूर है ।
New Delhi, Sep 28: कोरोना महामारी का असर फिल्म नगरी पर भी देखने को मिला है । एक ऐसे ही शख्स हैं जिन्होंने टीवी और फिल्मों में खूब काम किया लेकिन लॉकडाउन ने उनकी कमर तोड़ दी । बालिका वधु से लेकर कुछ तो लोग कहेंगे जैसे टीवी सीरियल बनाए, यशपाल शर्मा, मिलिंद गुणाजी, राजपाल यादव, रणदीप हुडा, सुनील शेट्टी जैसे बड़े कलाकारों की फिल्मों में बतौर सहायक निर्देशक काम किया । आज वही शख्स दो वक्त की रोटी का मोहताज है ।
2002 में मुंबई पहुंचे रामवृक्ष
आजमगढ़ जिले के निजामाबाद कस्बे के फरहाबाद निवासी रामवृक्ष साल 2002 में अपने मित्र साहित्यकार शाहनवाज खान की मदद से मुंबई पहुंचे थे । फिल्म इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करने के लिए खूब पापड़ बेले । टीवी प्रोडक्शन में काम किया, इंडस्ट्री के कई दूसरे विभागों में भी किस्मत आजमाई । अनुभव बढ़ा तो निर्देशन में भी मौका मिल गया ।
कई सीरियल्स के लिए किया काम
रामवृक्ष ने बताया कि पहले कई सीरियल के प्रोडक्शन में उन्होंने बतौर सहायक निर्देशक काम किया । फिर एपिसोड डायरेक्टर से लेकर यूनिट डायरेक्टर का काम भी किया । बालिका वधु, इस प्यार को क्या नाम दूं, कुछ तो लोग कहेंगे, हमार सौतन हमार सहेली, झटपट चटपट, सलाम जिंदगी, हमारी देवरानी, थोड़ी खुशी थोड़ा गम, पूरब पश्चिम, जूनियर जी जैसे कई सीरियल्स में इन्हें काम करने का मौका मिला ।
फिल्मों में भी किया काम, अब लॉकडाउन ने तोड़ी कमर
रामवृक्ष ने यशपाल शर्मा, मिलिंद गुणाजी के अलावा राजपाल यादव, रणदीप हुडा और सुनील शेट्टी की फिल्मों में भी बतौर सहायक निर्देशक काम किया है । आने वाले समय में उनके पास एक भोजपुरी और एक हिन्दी फिल्म का काम है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह प्रोजेक्ट अटके हुए है । रामवृक्ष के मुताबिक मुंबई में उनका अपना मकान है, लेकिन 2 साल पहले बीमारी के कारण उनका परिवार घर आ गया था । कुछ दिन पहले ही एक फिल्म की रेकी के लिए वो आजमगढ़ आ गए । लेकिन लॉकडाउन के कारण उनकी वापसी संभव नहीं हो पायी । काम बंद होने के कारण आर्थिक संकट खड़ा हो गया, जिसके बाद उन्होंने सब्जी बेचने का काम शुरू कर दिया ।