Opinion: मामला मामला प्रज्ञा ठाकुर का हो या असीमानंद का – गलत फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं?
मतलब आम आदमी को झूठे आरोप से बरी होने में 24 साल लग गए और पुलिस वालों को 15 साल में ही दोषी मानने की गुंजाइश खत्म कर दी गई।…
Sanjaya Kumar Singh
IndiaSpeaks
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Ved Pratap Vaidik