नागरिकता बिल – ये 4 दल बना और बिगाड़ सकते हैं राज्यसभा में सरकार का खेल

नागरिकता संशोधन बिल पर विपक्ष का जिस तरह से रुख है, ऐसे में सरकार को राज्यसभा में कड़ी चुनौती मिलने के आसार हैं।

New Delhi, Dec 10 : मोदी सरकार नागरिकता संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश करेगी, नागरिकता संशोधन बिल के पास हो जाने के बाद पाक, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धर्म के आधार पर आये हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता लेने में आसानी होगी, इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है, विपक्ष के तमाम दल इसका विरोध कर रहे हैं, लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत का आंकड़ा था, सो वहां पास कराना आसान था, लेकिन मोदी सरकार की असल चुनौती राज्यसभा में होनी है, हालांकि जदयू, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और शिवसेना ऐसे दल हैं, जिनके रुख पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।

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राज्यसभा में बहुमत नहीं
आपको बता दें कि लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है, ऐसे में सरकार के लिये विधेयक पास कराने के लिये दूसरे दलों के सहयोग की दरकार होगी, हालांकि पिछले दो सालों में बीजेपी और एनडीए की ताकत राज्यसभा में बढी है, इसके अलावा विपक्षी दलों की ओर से बीजेडी और एआईएडीएमके जैसे दल नागरिकता संशोधन बिल पर सरकार का समर्थन कर सकते हैं।

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राज्यसभा का गणित
राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 239 है, यानी कि अगर सदन के सभी सदस्य मतदान करें, तो बहुमत का आंकड़ा 120 होगा, अगर एनडीए दलों के साथ उन दलों की बात करें, जो एनडीए का सहयोग कर सकते हैं, तो संभावित वोट संख्या 114 बनती है, जिसमें बीजेपी के 83, बीजेडी के 7, एआईएडीएमके के 11 और अकाली दल के 3 सदस्य शामिल हैं।

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विपक्ष के पास 108 वोट
नागरिकता संशोधन बिल पर विपक्ष का जिस तरह से रुख है, ऐसे में सरकार को राज्यसभा में कड़ी चुनौती मिलने के आसार हैं, कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, समाजवादी पार्टी के 9 और डीएमके और सीपीएम के 5-5, राजद, एनसीपी और बसपा के 4-4 सदस्य है, कुल मिलाकर विपक्ष के पास 108 सांसदों का समर्थन है। इसके अलावा पूर्वोत्तर से ताल्लुक रखने वाली कुछ छोटी पार्टियों भी इस बिल का विरोध कर रही है, वो भी विपक्ष का साथ दे सकते हैं, हालांकि पूर्वात्तर के अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम को इनर लाइन परमिट की व्यवस्था से नागरिका बिल के दायरे से बाहर रखा गया है।

इन दलों पर खास नजर
जदयू ने लोकसभा में बिल के समर्थन में वोट किया था, लेकिन इसके बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर निराशा जाहिर की, साथ ही वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस जैसी पार्टियों का रुख अभी साफ नहीं है, ऐसे में सबसे ज्यादा नजर इन्हीं दलों पर है। हालांकि इस बात की संभावना कम ही है कि तीनों पार्टियां सरकार के खिलाफ वोट करेंगे, ये या तो सरकार के पक्ष में वोट करेंगे या वोट ही नहीं करेंगे, इन तीनों दलों के पास राज्यसभा में 13 सांसद हैं।

शिवसेना का अलग रुख
शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया है, लेकिन अब नई शर्त रख दी है, उन्होने कहा है कि नई नागरिकता पाने वालों को 25 साल तक वोटिंग का अधिकार ना दिया जाए, तभी वो इस बिल का समर्थन करेंगे, राज्यसभा में शिवसेना के पास 4 सांसद हैं। खैर, अगर ये पार्टियां एनडीए के साथ देती हैं, तो संख्या बढकर 127 पहुंच जाएगी, लेकिन अगर ये मतदान में भाग नहीं लेती है, तो बहुमत का आंकड़ा 111 हो जाएगा, तो भी एनडीए को बहुमत मिल जाएगा।