नागरिकता संशोधन बिल पर नीतीश के फैसले ने किया BJP को सरप्राइज, भड़के ‘पीके’ ने किया ट्वीट, हुए दो फाड़
विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में जदयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिये कर रही है, क्योंकि ये धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।
New Delhi, Dec 10 : संसद में नागरिकता संशोधन बिल पास हो चुका है, नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इस बिल का समर्थन किया, लेकिन अब सुशासन बाबू की पार्टी में खुलकर मतभेद सामने आ गये हैं, जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नीतीश के खासमखास चर्चित रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने निराशा जाहिर करते हुए कहा है कि विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है, देर रात लोकसभा में विधेयक पर मतदान के बाद ये पारित हो गया, जिसके बाद पीके ने ट्वीट कर लिखा, कि विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता।
पीके का ट्वीट
प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर लिखा, जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराशा हुई, ये विधेयक नागरिकता के अधिकार के धर्म के आधार पर भेदभाव करता है, ये पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता, जिसमें धर्म निरपेक्ष शब्द पहले पन्ने में तीन बार आता है, पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।
धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं विधेयक- जदयू
वहीं विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में जदयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिये कर रही है, क्योंकि ये धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है, ललन सिंह ने कहा कि सदन में कुछ लोग अपने-अपने हिसाब से धर्म-निरपेक्षता की परिभाषा गढ रहे हैं।
आशंकाओं को दूर किया गया
जदयू सांसद ने लोकसभा में बोलते हुए ये भी कहा कि इस विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर के लोगों को कुछ शंकाएं थी, लेकिन अब इन शंकाओं को भी दूर कर दिया गया है, सांसद ने कहा कि जो लोग इतने समय में न्याय की आस लगाये हुए थे, उन्होने ये बड़ी राहत प्रदान करेगा।
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019